आवारा कुत्तों की खूनी नजरों के साये में अस्पताल के नवजात शिशु

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद: वह जानवर जिनका न ही कोई आशियाना न ठौर न ही ठिकाना जिनसे इंसान ही क्या खुद कुत्तों की बिरादरी वाले भी पूंछ छिपाए भागते नजर आते हैं| इन खूंखार कुत्तों को देख इंसान अपना रास्ता बदल देता है जब यही जानवर ऐसी जगह घूम रहे हों जहां आपके मासूम बच्चे ने इस दुनियां में कदम रखा हो और उनके आसपास इन खूंखार कुत्तों की नजर हो तो ऐसे में तो रूह ही काँप जायेगी|

यह खूंखार व आवारा कुत्ते सड़क, गलियाँ, होटल, ढावे में दिखाए देते थे लेकिन अब तो यह लोहिया अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही के चलते अस्पताल परिसर में भी घूमते नजर आते हैं|

लोहिया अस्पताल परिसर में तमाम चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी होने के बावजूद भी प्रसूता कक्ष व बार्ड में ये खूंखार कुत्ते अपनी भूंख मिटाने के चक्कर में घात लगाए बैठे रहते हैं| लेकिन इन पर अस्पताल प्रशासन की नजर अब तक क्यों नहीं पडी| प्रसव के बाद प्रसूता तो बेहोश अवस्था में बेड पर लिटा दी जाती है व परिजन के इधर-उधर होते ही यह खूंखार खूनी जबड़े वाले कुत्ते उस महिला के आ रही महक के कारण उसके बेड के आसपास विना रोकटोक परिक्रमा करते नजर आते हैं| अगर जल्द ही कुत्तों के इस रवैये पर अंकुश नहीं लगाया गया तो किसी दिन कोई माँ अपने जिगर के टुकडे से हाँथ धो बैठेगी|

प्रसूता के परिजनों तो सिर्फ यही समझाते है की पास में बैठा हुआ जानवर (कुत्ता) सिर्फ रोटी की तलाश में है लेकिन उन्हें यह क्या मालूम कि वह रोटी के साथ-साथ बोटी भी नोचने के इरादे में बैठा है फिर वह बोटी चाहे आपके बेटे या बेटी की ही क्यों न हो? कई परिजनों से पूंछे जाने पर उन्होंने बताया कि ये कुत्ते रात में सोने के दौरान हमारे ऊपर चढ़कर इधर-उधर निकलते हैं जिससे कई बार हम लोग चुटहिल भी हो जाते हैं| लेकिन साहब यहाँ कोई सुनने वाला ही नहीं है हम तो बस यहाँ अपना समय काट रहे हैं|

आयेदिन लोहिया अस्पताल के कर्मचारी व डाक्टरों की लापरवाही से तो सभी लोग बाकिफ हो ही चुके हैं| लेकिन इतने लापरवाह हो जायेंगे कि अस्पताल में आवारा जानवर अपना अड्डा बना लेंगे यह बात सोचनीय है.| अब देखना यह है आखिर कब तक यह आवारा कुत्ते………………?

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