लखनऊ। रिटेल सेक्टर में 51 प्रतिशत विदेशी निवेश का विरोध करते हुए, उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने ऐलान किया है कि जब तक वो मुख्यमंत्री हैं, तब तक किसी भी विदेशी कंपनी को यूपी में घुसने नहीं देंगी। उन्होंने कहा कि वो यूपीए की मनमानी नहीं चलने देंगी। साथ ही उन्होंने कहा कि राहुल गांधी विदेशी हैं और वो अपने विदेशी दोस्तों को खुश करने के लिए यह प्रस्ताव लाये हैं।
मायावती ने कहा, “कांग्रेस पार्टी के युवराज पैदा होने के बाद विदेश चले जाते हैं, उनकी पढ़ाई और पालन पोषण विदेश में हुआ। वो पूरी तरह विदेशी हो गये हैं। इसलिए जब वो कभी-कभार उत्तर प्रदेश आते हैं, तो वो अपने विदेशी दोस्तों को सैर सपाटा कराने के लिए यूपी ले आते हैं। उस दौरान वो अपने विदेशी दोस्तों को दलित की झोपड़ी में ले जाकर उनकी गरीबी का मजाक उड़वाते हैं।”
अब वो अपने उन्हीं विदेशी कंपनियों को लाभ पहुंचाने और उन्हें अरबपति, खरबपति बनाने के लिए रिटेल में 51 प्रतिशत विदेशी निवेश को मंजूर कर लिया। वॉलमार्ट जैसी कंपनियों के आने के बाद भारत की संपूर्ण अर्थ व्यवस्था विदेशियों के हाथ में चली जायेगी। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी की यूपीए सरकार विदेशी कंपनियों के आने के बाद लाखों छोटे दुकानदारों के कारोबार बंद हो जायेंगे। इसके बाद इन कारखानों में काम कर रहे करोड़ों मजदूर बेरोजगार होकर घरों में बैठ जायेंगे।
मायावती ने कहा कि आम जनता के लिए यह नीतियां प्राणघातक हैं और विदेशी कंपनियों को खुदरा की कमान सौंपने का मतलब महंगाई को बढ़ावा देना है। गरीबों के भूखे मरने और आत्महत्याओं की घटनाएं इससे और बढ़ जायेंगी। सत्ता को पाने के लिए राहुल गांधी तरह-तरह की ड्रामेबाजी कर रहे हैं। मायावती ने विश्वास दिलाया कि जब तक वो मुख्यमंत्री पद पर हैं, तब तक केंद्र सरकार की इन नीतियों को यूपी में लागू नहीं होने देंगी। उन्होंने कहा कि अभी मामला संसद में पास नहीं हुआ है, जब यूपीए यह मुद्दा संसद में लेकर आयेगी, तब वो सदन चलने नहीं देंगी।