फर्जी नाम-पते वाली कई कंपनियों को पिकप ने रेवड़ी की तरह करोड़ों रुपये के जो कर्ज बांटे थे, उस दौरान एससी आयोग के अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद पीएल पुनिया पिकप के प्रबंध निदेशक थे। जबकि एक अन्य आईएएस जेएफ दीपक उप प्रबंध निदेशक थे। पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा पिछले कुछ दिनों से मामले की गुपचुप जांच में जुटी हुई है। इस काम में अब एसटीएफ को लगा दिया गया है। एसटीएफ ने पिकप घोटाले के दो आरोपियों को शुक्रवार देर शाम दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया, जबकि ईओडब्लू पहले से ही मामले में अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप चुकी है।
पिकप से लाखों का लोन लेकर भागने वाले बलराम खेड़ा और उसकी पत्नी कमलेश खेड़ा पर ईओडब्लू ने दस-दस हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। 20 साल से अधिक समय से फरार चल रहे इस दंपत्ति को गिरफ्तार करने के लिए ईओडब्लू ने आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्लू) का सहयोग मांगा था।
एसटीएफ के डिप्टी एसपी राजेश कुमार सिंह की टीम यह जानकारी कर ली कि वांछित नई हैं। इस जानकारी पर एसटीएफ की टीम के साथ ही ईओडब्लू की टीम ने दिल्ली के साऊथ बसंतकुंज के नांगल देवत गांव में रह रहे अभियुक्तों को लिया । उनके पास से 50 हजार रुपये नकद, दस मोबाइल फोन, पैन कार्ड व शेयर के कागजात बरामद हुए हैं।