‘मेट्रो नहीं, मूर्तियों पर है मायावती का जोर’

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नई दिल्ली || पहले केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश और फिर शहरी विकास मंत्री कमलनाथ के बाद अब बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और गाजियाबाद से सांसद राजनाथ सिंह ने भी यूपी की मुख्यमंत्री मायावती पर जोरदार हमला बोला है। गाजियाबाद में मेट्रो लाइन बिछाने के लिए राज्य सरकार की ओर से मंजूरी न दिए जाने से नाराज बीजेपी नेता ने कहा है कि वे एक बार फिर राज्य सरकार को जगाने की कोशिश करेंगे। वैसे इस मामले में उन्होंने प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा है।

गौरतलब है कि गाजियाबाद तक मेट्रो लाइन बिछाने के मामले में शहरी विकास मंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को कहा था कि गाजियाबाद ही नहीं बल्कि लखनऊ में भी मेट्रो लाइन बिछाने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। कायदे से इस तरह की लाइन तैयार करने के लिए राज्य सरकार को 50 फीसदी हिस्सा देना होता है जबकि बाकी 50 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार देती है। लेकिन चूंकि राज्य सरकार ने ही अभी इस लाइन के लिए अपनी मंजूरी नहीं दी है, लिहाजा गाजियाबाद तक मेट्रो ले जाने का प्रस्ताव फिलहाल अटका ही हुआ है।

बीजेपी नेता ने कहा कि वे चाहते हैं कि यह मेट्रो लाइन गाजियाबाद ही नहीं बल्कि मेरठ तक बिछाई जानी चाहिए। जिससे न सिर्फ गाजियाबाद बल्कि मेरठ तक का हिस्सा भी दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क से जुड़ जाए। दिल्ली मेट्रो ने जो डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की थी, उसमें गाजियाबाद को दिलशाद गार्डन लाइन के जरिए मेट्रो से जोड़ने का प्रावधान रखा गया था। लेकिन जब तक राज्य सरकार राजी नहीं होती, तब तक यह लाइन नहीं बिछाई जा सकती। राजनाथ सिंह का कहना है कि उनकी पार्टी लगातार विकास के लिए लड़ती रही है और राज्य सरकार विकास की राह में बाधा खड़ी कर रही है। उन्होंने कहा कि मायावती सरकार का ध्यान मूर्तियां लगाने पर ही रहा है और जहां वास्तव में प्रदेश का विकास होना है, उस ओर से राज्य सरकार आंखें मूंदे बैठी हुई है।

उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार इस दिशा में कदम नहीं उठाती तो वे एक बार फिर इस मसले पर यूपी की सरकार को लिखेंगे और कहेंगे कि इस क्षेत्र में लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए जल्द ही राज्य सरकार अपनी सहमति दे ताकि तीसरे ही फेज में इस लाइन का निर्माण किया जा सके। दिल्ली मेट्रो पहले ही साफ कर चुकी है कि अगर उन्हें फंड मुहैया कराया जाता है तो उसे मेट्रो लाइन बिछाने में कोई आपत्ति नहीं है।