गाड़ी पर वीआईपी लाइट (लाल बत्ती) के मामले में सड़क परिवहन मंत्रालय (भारत सरकार) के स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं, जिनमें राज्य सरकारें कुछ संशोधन कर उनका पालन करती हैं। क्या हैं गाड़ी पर लाल बत्ती लगाने के नियम और कौन हकदार है इस सुविधा का, आइए जानते हैं :
कौन लगा सकता है लाल बत्ती
चमकने वाली (फ्लैशर के साथ) लाल बत्ती
पूरे देश में कहीं भी आने-जाने के लिए कुछ खास लोगों को को इस सुविधा का फायदा मिलता है। ये हैं : राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, पूर्व उपराष्ट्रपति, उपप्रधानमंत्री, भारत के चीफ जस्टिस, लोकसभा स्पीकर, केंद्र सरकार के कैबिनेट मंत्री, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, पूर्व प्रधानमंत्री, लोकसभा व राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता, सुप्रीम कोर्ट के जज, राज्यों के गवर्नर और मुख्यमंत्री, कॉमनवेल्थ देशों के हाई कमिश्नर और दूसरे देशों के राजदूत।
कुछ वीआईपी सिर्फ एनसीआर में इस सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये हैं : दिल्ली के उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली सरकार के मंत्री, दिल्ली हाईकोर्ट के जज, विधानसभा स्पीकर व नेता, प्रतिपक्ष।
बिना चमकने वाली लाल बत्ती (फ्लैशर के बिना)
देश में कहीं भी आने-जाने के लिए कुछ लोग इस सुविधा का फायदा ले सकते हैं। ये हैं : मुख्य चुनाव आयुक्त, कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया, राज्यसभा के उपसभापति, लोकसभा के डिप्टी स्पीकर, केंद सरकार के राज्यमंत्री, योजना आयोग के सदस्य, अटर्नी जनरल, कैबिनेट सचिव, तीनों सेनाओं के प्रमुख और उनके समकक्ष केंद्र सरकार के डिप्टी मिनिस्टर, सेंट्रल ऐडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष, अल्पसंख्यक व अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग के अध्यक्ष, यूपीएससी के अध्यक्ष व सॉलिसिटर जनरल, राज्यों के उपमुख्यमंत्री, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस व दूसरे देशों के दूत व मंत्रियों को भी यह अधिकार दिया गया है।
सिर्फ एनसीआर में ये लोग भी इस सुविधा के हकदार हैं : दिल्ली के राज्य चुनाव आयुक्त, विधानसभा के डिप्टी स्पीकर, चीफ सेक्रेटरी व दिल्ली के जीओसी यानी जनरल ऑफिसर कमांडिंग।
ये हैं नियम
– सायरन का बहुत बेजा इस्तेमाल होता है। दिल्ली मोटर वीकल्स रूल्स 1993 के रूल 107 के तहत सिर्फ इमर्जेंसी वाहन जैसे एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड व पुलिस कंट्रोल रूम की गाड़ियों में ही चमकने/घूमने वाली लाल बत्ती के साथ सायरन लगाया जा सकता है। अगर वीआईपी के साथ पायलट कार है तो वह पायलट कार सायरन बजा सकती है। अगर वीआईपी पायलट कार के बिना खुद कार में जा रहा है तो सायरन की इजाजत नहीं है।
– सभी गाड़ियों पर लाल बत्ती (वीआईपी लाइट) केवल उसी समय लगी होनी चाहिए, जब उसमें संबंधित व्यक्ति यात्रा कर रहा हो, नहीं तो उस वाहन पर लगी बत्ती को काले कवर से ढका होना चाहिए।
– कोई भी वीआईपी केवल ड्यूटी के दौरान ही वीआईपी लाइट (लाल बत्ती) का इस्तेमाल कर सकता है।
– चमकने वाली नीली वीआईपी लाइट का इस्तेमाल पुलिस पेट्रोल वाहन, पायलट वाहन व राज्य के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के वीकल्स एनसीआर में कर सकते हैं।
– दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी की लिखित परमिशन से ही गाड़ी के बोनट पर बिना चमकने वाली लाल वीआईपी लाइट लगाई जा सकती है।
– अगर गाड़ी पर अवैध रूप से वीआईपी लाइट लगाई गई है तो सेंट्रल मोटर वीकल्स रूल्स 1989 के रूल 107 के तहत ट्रैफिक पुलिस या ट्रांसपोर्ट विभाग का चेकिंग स्टाफ ऐसी गाड़ियों का चालान कर जब्त कर सकता है। साथ ही गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रद्द कराने के लिए ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी को लिख सकता है।