गणित और अंग्रेजी का ज्ञान बनेगा टीईटी का गेटपास

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टीईटी में सफल का रास्ता गणित व अंग्रेजी से होकर गुजरेगा। गणित का ज्ञान व अभ्यास  होने पर ही निर्धारित समय में प्रश्नों का उत्तर मिल सकेगा।अंग्रेजी का सतही ज्ञान भी टीईटी के रास्ते का ररोड़ा बन सकता है। साथ ही अभ्यर्थियों को बच्चों का मनोविज्ञान समझना होगा। बच्चों को कैसे पढ़ाई, खेल, विज्ञान गतिविधियों से जोड़ा जाए, कैसे उन्हें शुरू से ही रचनात्मक बनाया जाए, यह सबसे अच्छे तरीकेसे जो समझा सका, उसे टीईटी में सफल होने भर के अंक यानी 60 फीसदी जरूर मिल जाएंगे। निगेटिव मार्किंग न होने के चलते संदेश साफ है कि- हर सवाल हल करिए, बस थोड़ा ध्यान से।

टीईटी में बच्चों के दिमागी विकास के साथ उनकी सामान्य गतिविधियों, सोच पर आधारित सवाल होंगे। इनवायरमेंट स्टडीज को भी अन्य टॉपिक की तुलना में ज्यादा तवज्जो दी गई है। इसमें मिट्टी, पानी और मौसम से जुड़े तमाम सवाल होंगे। चाइल्ड डेवलपमेंट के साथ बड़ा सेक्शन होगा गणित का। सामान्य गणित में तर्कशक्ति का जाल दिखेगा। सवालों से यह देखने की कोशिश होगी कि शिक्षक कितनी तेजी से तर्क कर सकते हैं। गणित के सवाल छोटे लेकिन उलझाऊ हो सकते हैं।माध्यमिक शिक्षा विभाग ने टीईटी का पाठक्रम जारी कर दिया है। कोर्स में बच्चों के दिमागी विकास, पर्यावरण अध्ययन, सामान्य अध्ययन और तर्क शक्ति पर खास जोर दिया गया है। सबसे ज्यादा नंबरों के सवाल होंगे चाइल्ड डेवलपमेंट सेक्शन से। इसके कई हिस्से होंगे।

यूपीटीईटी का पाठक्रम केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा से काफी अलग है। कोर्स में बीएड, बीटीसी के पाठक्रम का भी ध्यान रखा गया है। बीएड, बीटीसी प्रशिक्षण के दौरान बच्चों के मनोविज्ञान पर जो टॉपिक पढ़ाए गए, टीईटी में उसका लाभ दिखेगा।