दागी अफसरों की “ओंबड्समैन” पद पर नियुक्ति पर टीम अन्ना खफा

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कर चोरी पर निगरानी रखते हुए कालेधन पर लगाम कसने के लिए क्षेत्रीय ओंबड्समैन (प्रशासनिक शिकायत जाँच अधिकारी) बनाने का सरकार का फैसला जमीन पर उतरने से पहले ही विवादों में उलझता गया है। टीम अन्ना ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर मुंबई और लखनऊ में अप्रत्यक्ष कर विभाग में ओंबड्समैन की नियुक्ति के लिए चयनित लोगों की ईमानदारी पर शक जताया है।

टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य प्रशांत भूषण ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि इस महत्वपूर्ण पद पर सरकार पहली बार नियुक्ति करने जा रही है जिसमें यह ध्यान रखना जरूरी है कि अनुचित लोग पद पर न आएं।

भूषण ने पत्र में कहा कि मुंबई और लखनऊ में अप्रत्यक्ष कर विभाग में ओंबड्समैन के पद पर क्रमश: एच के शरण और राजेंद्र प्रकाश की नियुक्ति की बात सामने आई है। उनकी नियुक्ति पर अंतिम मंजूरी कैबिनेट की नियुक्ति समिति करेगी।

पत्र में उन्होंने कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयोग सीबीआई से इन अफसरों के खिलाफ जांच की सिफारिश कर चुका है और राजेंद्र प्रकाश के खिलाफ तो सीबीआई ने अभियोग चलाने की भी अनुमति मांगी है। उन्होंने दावा किया कि एच के शरन के कोलकाता और शिलांग में केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क के चीफ कमिश्नर रहते हुए और राजेंद्र प्रकाश के दिल्ली में केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के कमिश्नर रहते हुए उनके द्वारा किए भ्रष्ट आचरण की शिकायत और जानकारी मुझे मिली है।

पत्र के अनुसार शरण के खिलाफ सीवीसी, सीबीईसी में भ्रष्टाचार की शिकायतें दर्ज हैं। उनके खिलाफ दिल्ली में रहते हुए पत्राचार के जरिए कोलकाता के एक संस्थान से एलएलबी करने का आरोप है जबकि संस्थान के अनुसार वह पत्राचार के माध्यम से एलएलबी नहीं कराता। वहीं प्रकाश के खिलाफ भी कई आरोप लगे हैं। भूषण के मुताबिक ऐसे लोगों की नियुक्ति यदि इस महत्वपूर्ण पद पर होगी तो संस्थान की विश्वसनीयता को भारी नुकसान होगा।

भूषण ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में  कहा है कि, सरकार के लिये यह महत्वपूर्ण है कि वह बेदाग चरित्र, पूर्ण ईमानदारी और उचित व्यवहार वाले व्यक्ति‍यों को ही इस तरह के पदों पर चुनें. उन्होंने कहा कि इस पद पर इन लोगों की नियुक्ति‍ भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लड़ने के सरकार के रुख के खिलाफ़ जायेगी. लिहाजा, हम उम्मीद करते हैं कि कैबिनेट की नियुक्ति‍ समिति अंतिम फ़ैसला करने से पहले इन बातों पर गौर करेगी.

गौरतलब है कि राजस्व विभाग की एक उच्च स्तरीय समिति ने इन अधिकारियों की नियुक्ति‍ की सिफ़ारिश की है. इस पर अंतिम फ़ैसला कैबिनेट की नियुक्ति‍ समिति करेगी.