मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिये समर्थन बिल्कुल नहीं : जयललिता

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चेन्नै: तमिलनाडु की मुख्यमंत्री ने यह पूछे जाने पर कि क्या उनका समर्थन राजनीतिक समीकरण में बदलाव का संकेत देता है, जयललिता ने कहा, ‘बिल्कुल नहीं। उन्हेंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के उपवास को उनका समर्थन ‘सद्भावना’ के मसले पर है। एआईएडीएमके प्रमुख ने कहा कि मोदी ने उन्हें फोन किया था और उन्होंने उपवास के दौरान किसी को शुभकामना देने के लिए भेजने का अनुरोध किया था। उन्होंने इन बातों को खारिज कर दिया कि उनके इस रुख का मतलब राजनीतिक समीकरण में किसी बदलाव के बारे में है।

जयललिता ने बताया, ‘नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की थी कि वह सांप्रदायिक सौहार्द, शांति और एकजुटता के लिए उपवास करने जा रहे हैं। यह धर्मनिरपेक्षता, सांप्रदायिक सौहार्द और शांति कायम रखने की हमारी नीति की तर्ज पर है। दरअसल, जयललिता ने अपनी पार्टी के संसदीय नेता एम. थम्बीदुरई और वी मैत्रेयन को अपने प्रतिनिधि के तौर पर मोदी के उपवास के दौरान मौजूद रहने के लिए भेजा। यह पूछे जाने पर कि क्या उनका समर्थन राजनीतिक समीकरण में बदलाव का संकेत देता है, जयललिता ने कहा, ‘बिल्कुल नहीं। आप इसका कुछ ज्यादा ही मतलब निकाल रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सद्भावना के तौर पर है और इसमें कुछ गलत नहीं है क्योंकि यह सांप्रदायिक शांति और सौहार्द कायम रखने के जाहिर उद्देश्य को लेकर है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह 2014 में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर मोदी का समर्थन करेंगी, इस पर जयललिता ने कहा कि इस तरह की स्थिति आने पर वह इसका जवाब देंगी। गौरतलब है कि मोदी और जयललिता के बीच अच्छे संबंध हैं और वह एआईडीएमके नेता के इस साल मई में शपथ ग्रहण समारोह में शरीक हुए थे।