आगरा। मोहब्बत की नगरी आगरा में शनिवार को सिर्फ दहशत ही दहशत फैला हुआ था। ताजमहल से सिर्फ 3 किमी दूर एक बम धमाके के बाद पूरा शहर सन्नाटे में तब्दील हो गया। खैर यह बात अलग है कि यह धमाका बहुत बड़ा नहीं था मगर इसे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि आगरा आंतकियों के निशाने पर है। इस धमाके को देखकर हम यह भी कह सकते हैं कि यह एक बड़े साजिश को अंजाम देने के पहले की रिहर्सल थी।
इस विषय पर चर्चा करने से पहले आपको बता दें कि 10 दिन पूर्व ही दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर धमाका हुआ था। इस धमाके में 14 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 70 से ज्यादा लोग जख्मी हो गये थे। अब आपको याद आ गया होगा कि दिल्ली ब्लास्ट से कुछ दिन पूर्व ही हाई कोर्ट के गेट नंबर 6 पर एक कार में धमाका हुआ था। तो इससे साफ जाहिर होता है कि आतंकवादी बड़ी वारदात को अंजाम देने से पहले रिहर्सल कर रहे हैं।
अब आगरा धमाके की बात करें तो जांच के बाद जो जानकारी सामने आई हैं उसमें यह पता चला कि धमाके में आईईडी का इस्तमाल किया गया है। इस धमाके के पीछे कौन है और उसका मकसद क्या है यह अभी साफ नहीं हो सका है। धमाके के बाद आगरा सहित पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट कर दिया गया है। मालूम हो कि ब्लस्ट में 6 लोग जख्मी हुए है।
ब्लास्ट की चपेट में आने वाले ज्यादातर वो लोग थे जो अपनों से मिलने अस्पताल आए थे। हर धमाके के बाद कुछ ऐसा ही मंजर देखने को मिलता है। बीते कुछ दिनों से देश को अलर्ट पर बताया जा रहा है लेकिन अगर मुस्तैदी का ये अंजाम है तो जिनके हाथ में शासन-प्रशासन की कमान है उनकी काबिलियत को समझा जा सकता है।
खोखले हुए सुरक्षा के दावे
पिछले दिनों दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर धमाका होने के बाद से आगरा में लगातार सतर्कता बरती जा रही थी। शहर के प्रवेश स्थलों, रेलवे स्टेशनों-बस स्टैंडों आदि पर संदिग्धों की निगरानी रखी जा रही थी। साथ में बम निरोधक दस्ता हर रोज दो से तीन स्थलों पर चेकिंग कर रहा था। परंतु इसके बाद भी ब्लास्ट से सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ गए हैं।