फर्रुखाबाद: रविवार सुबह 11 बजे बढपुर स्थित हिन्दुस्तान होटल में JNI के एनुअल मीट एंड ट्रेनिंग कैम्प का आयोजन किया गया| जिसमे जनपद के सभी ब्लाकों से JNI परिवार के 102 पत्रकारों ने अपनी भागीदारी देकर पत्रकारिता के नए आयाम निर्धारित किये|
ट्रेनिंग कैम्प में मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार सतीश दीक्षित ने दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम का शुभारम्भ किया| तत्पश्चात श्री दीक्षित ने पत्रकारों को उनके अधिकार, पत्रकारिता करने के निष्पक्ष तरीके व 100% मतदान कर इस देश को सही नेता व पार्टी को चुनने को कहा| उन्होंने सभी लोगों को अन्ना हजारे जैसा बन गाँव में भ्रष्टाचार फैला रहे प्रधान, कोटेदार के खिलाफ मुहीम छेड़ने को कहा| उन्होंने कहा कि JNI मीडिया जगत में नई क्रान्ति लाकर रहेगा, सभी के जुवान पर सिर्फ JNI का नाम ही होगा|
JNI के सीईओ पंकज दीक्षित ने सभी पत्रकारों को जानकारी दी कि इस जनपद में प्रिंट मीडिया सिर्फ शहर क्षेत्र तक ही सीमित है लेकिन JNI शहर से लेकर गाँव तक हर किसी की नजर व जेब में हैं| JNI एक परिवार है और हम सभी इस परिवार के सदस्य है| इस परिवार को तरक्की की उंचाईयों तक पहुंचाने के लिए सभी को मिलकर चलना होगा| ढाई साल पहले इसकी नीव फर्रुखाबाद में रखी गयी और आज प्रदेश के 16 जिलों में JNI स्थापित हो चुका है| जेएनआई के सभी जिलों की जिम्मेदारी जिम्मेदार और गंभीर पत्रकारों के कंधो पर है| उन्होंने कहा हम पोस्टर में नहीं दिखते, हम तो लोगो के दिलों में रहते हैं| उन्होंने बताया कि फर्रुखाबाद में वर्तमान में JNI के 86000 से ज्यादा मोबाइल न्यूज़ पाठक हो चुके हैं और हमारे वेबपोर्टल के 19000 से ज्यादा नियमित पाठक हैं| जनी के वेबपोर्टल प्रतिमाह 15 प्रतिशत से ज्यादा पाठक जोड़ रहा है| उन्होंने बताया कि जल्द ही JNI रेडियो भी लांच होगा जिसे गाँव के लोग अपने मोबाइल पर सुन सकेंगे| तब किसी भी नेता की जनसभा को गाँव गाँव सुना जा सकेगा| किसी सरकारी योजना के बारे में अफसरों की बात को सीधे जनता तक पहुचाया जा सकेगा| बीच के दलाल अपनी दूकान बंद करने की तयारी कर लें| अब संवाद सीधा गाँव और संसद के बीच होगा| यानि अन्ना हजारे और केजरीवाल की परिकल्पना है| जिसे फर्रुखाबाद में JNI उतारेगा| इतना ही नहीं दुनिया के किसी भी कोने में फर्रुखाबाद का आदमी चला जाये JNI ही उसे फर्रुखाबाद से जोड़े रखने में कामयाब है| इंटरनेट क्रांति गाँव गाँव पहुच रही है और जीपीआरएस तो हर मोबाइल में है| इसी जीपीआरएस पर JNI रेडियो सुना जा सकेगा| एक बटन दबाते ही गाँव गाँव सरकार की बात पहुचाने और ग्रामीण की बात आपके सांसद को सांसद में बैठे होने पर भी मिल रही है| ये सब JNI का कमाल है|
JNI के वेब पोर्टल के बारे में उन्होंने बताया कि दुनिया की किसी वेबसाईट में एक साथ जरुरत का मसाला उपलब्ध नहीं है| हम अपनी वेबसाईट पर नंगे या अधनंगे चित्र लगाकर पाठक बटोरने की भीड़ में नहीं है| हमारी वेबसाईट को सीमा पर तैनात फर्रुखाबाद का रहने वाला फौजी भी अपने गाँव की खबर के लिए पढ़ रहा है| अमेरिका, अरब, लन्दन, जर्मनी, आस्ट्रेलिया सहित दो दर्जन देशो में रहने वाले फर्रुखाबादी हमारे माध्यम से अपनी मात्रभूमि से रूबरू हो रहे है और नियमित पाठक हैं| इसमें पूरे जनपद के गाँव गाँव के राशन कार्डों की सूची है जिसे देख कर ग्रामीण और पत्रकार गाँव में राशन कार्डो के फर्जी वाडे का खुलासा कर सकते हैं| इसके लिए उन्हें सूचना के अधिकार का प्रार्थना पत्र लगाकर मुस्सदी लाल बनने की जरुरत नहीं| जे एन आई की कोशिश है कि हम हर गाँव का डाटा एक साथ डाल दे ताकि एक गाँव के सभी चीजे मिल सके| स्वस्थ्य, पंचायत, शिक्षा , मनरेगा सहित पूरे गाँव की पुरानी कहानी लिखने का भी काम चल रहा है| ये देश का पहला पोर्टल होगा जिसमे गाँव गाँव की पूरी बात होगी| ये सब हम अपने संसाधन से कर रहे है| कोई सरकारी सहायता से नहीं| सरकारी व्यवस्था के लोग तो रिकॉर्ड तक नहीं देना चाहते और रिकॉर्ड वही नहीं देता जिसके मन में चोर है| वर्ष 2012 में पूरे प्रदेश में JNI शुरू हो जायेगा| और 2015 का लक्ष्य पूरे देश में छा जाने का है| उन्होंने कहाँ कि उनका एक सपना है JNI के माध्यम से देश सेवा का और इसी के कारण सक्रिय रूप से जी न्यूज़ चेनल से त्यागपत्र देकर ये काम शुरू किया| हम गाँव गरीब और शोषित लोगो के लिए काम कर रहें है| उनके अधिकार उन्हें बताते है और समय पर सूचित करते हैं| हम घोटाले खोलने की जगह खोलता रोकने के मकसद में लगे है और कामयाब हो रहे हैं|
उन्होंने पत्रकारों को निष्पक्ष पत्राकरिता करने के साथ-साथ कहा कि सिर्फ पैसे कमाने के लिए ही पत्रकारिता न करें| एक कुशल पत्रकार का मकसद भ्रष्टाचार व भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कलम से लड़ाई लड़ उसे जड़ से खत्म करें| उन्होंने कहा कि तब तक दुनिया भर की खबरों पर एक साथ दिमाग न भटकायें, एक विषय चुने और उस खबर पर डटे रहे जब तक वहां से भ्रष्टाचार पूरी तरह ख़त्म न हो जाए और लोगो को इन्साफ न मिल जाए| लोग हम पर इल्जाम लगायेंगे, इससे घबराए नहीं, अपना काम ईमानदारी से करें और इल्जाम इस बात का सूचक होगा कि तीर निशाने पर लगा है|
इसी क्रम में JNI के ग्रुप एडीटर तह्फीम खान ने पत्रकारों को पत्रकारिता करने के मुख्य बिंदु बताये| सर्व प्रथम उन्होंने सभी पत्रकारों से उनके नाम पते पूंछ परिचय लिया व उनके गाँव में हो रही कालाबाजारी व रिश्वतखोरी के बारे में जानकरी की| उन्होंने पत्राकरिता के आयाम के बारे में भी प्रकाश डाला|
उन्होंने पत्रकारों को अपने ग्राम पंचायत से कैसे खबर निकालेंगे व उसके विरुद्ध कार्रवाई व अपने अधिकारों को पहचानने के बारे में जानकारी दी|
अखिल भारतीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति कर्मचारी कल्याण संघ के प्रांतीय महामंत्री ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षकों की हीलाहवाली व लापरवाही पर लगाम लगाने के लिए प्राथमिक विद्यालय व पूर्व माध्यमिक विद्यालय में जाकर वहां के शिक्षकों की उपस्थिति व उनके आने का समय की जानकारी करे| आप उनसे पूंछे कि आप के स्कूल में प्रार्थना होती है अगर होती है तो कितने बजे कराते हैं| उन्होंने कहा कि अगर आप इस मामले में सक्रिय हो जाते हैं तो सच मानिए प्रधानाचार्य व शिक्षक सभी समय से स्कूल भी आयेंगें और प्रार्थना भी करायेंगें|
उन्होंने आंगनबाडी केन्द्रों के न खुलने पर भी काफी तीखे व्यंग किये| और बताया कि अगर आप लोग तीन चार बार उस केंद्र पर जायेंगें तो अगली बार उन्हें मजबूरन उस केंद्र को खोलना पडेगा|
इस दौरान आयोजित एनुअल मीट एंड ट्रेनिंग कैम्प में जे ऍन आई ऑफिस स्टाफ से पुष्पेन्द्र राजपूत ने व्यवस्था की देखरेख की| स्वदेश कुमार, जिबरान खान, दीपक शुक्ला, सिद्धार्थ, रोबिन कपूर, राम सक्सेना, रवी शर्मा व सभी सात ब्लाकों से राम शंकर, देवी शरन शुक्ला, शब्बन खान, अंसार अली, ज्ञानेंद्र सिंह, राहुल दुबे, अवनीश यदाव, राम लखन, बासुदेव, राहुल दीक्षित, अनूप कुमार दुबे, गगन चतुर्वेदी, विकास दुबे, इमरान खान, दीपक मिश्रा, उमाकांत, अनिल कुमार सक्सेना, ब्रजेश बिरजू, पुष्पेन्द्र कुमार, शिवम् श्रीवास्तव, रमेश यादव, रामू सोमबंशी, ओमवीर सिंह, मोनू ठाकुर, गौरव दीक्षित, अंकुर गंगवार, रणवीर सिंह राठौर, धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, मुकेश प्रताप, शिवम् श्रीवास्तव, श्रधावत सिंह, योगेश मोहन वर्मा, आकाश दुबे, सुगंध गंगवार, सुमित गंगवार, प्रदीप यादव टीटू, अनिल मिश्रा, पवन शुक्ला, वीके त्रिवेदी, अरुण चौधरी, अश्वनी कुमार आदि पत्रकारों ने पत्राकरिता के गुर सीखे|