कामकाज से संबंधित अन्य संसदीय नियमों की तरह ही नियम 184 लोकसभा का हिस्सा है. बस अंतर यह है कि इसमें चर्चा हो जाने के बाद मतदान का प्रावधान है.
हालांकि इस मतदान में हार से सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता और न ही उसके अस्तित्व पर कोई खतरा होता है.
इस नियम के तहत चर्चा करने की कुछ शर्तें होती हैं-मसलन यह बहस किसी एक मुद्दे पर ही होगी, अपमानसूचक अथवा व्यंग्यात्मक लहजे का इस्तेमाल निषिद्ध होगा, अदालत में विचाराधीन मामलों पर बहस नहीं होगी, संसदीय समिति के अधीन मामले भी इस नियम के तहत नहीं लाए जा सकते आदि.
लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति से संसद सदस्य इस चर्चा में हिस्सा लेते हैं.