फर्रुखाबाद: ढाई घाट को शमसाबाद से जोड़ने वाले सम्पर्क मार्ग पर बनी पुलिया के ऊपर से बाढ़ का पानी बह रहा है जिस कारण पुलिया क्षतिग्रस्त हो गयी है| यह कभी भी बड़ी हादसे का कारण बन सकती है|
गंगा की बाढ़ ने अपने लम्बे पैर पसारते हुए उन गांवो को भी चपेट में ले लिया जो शहरों के निकटवर्ती थे। इन गांवों में भी पानी तेजी से घुसने लगा है। यहां के निवासी सुरक्षित स्थानों तथा शरणालयों में जाना शुरू हो गये हैं। वे अपने पालतू पशुओं को भी अपने साथ लेकर जा रहे हैं। कई गांवों के सम्पर्क मार्ग पानी के कटान से कट गये हैं। जिससे उनका आवागमन पूरी तरह बंद हो चुका है।
वहीं कायमगंज क्षेत्र के गांव खानआलमपुर, होरीनगला, मदनपुर, पट्टिया, अजमतपुर, दोषपुर, बुनियादपुर, हरियलपुर, गंडुआ, अलीगढ़, कुंवरपुर, मौलागंज, खजुरिया, छतरई, अहमदगंज आदि गांव पहले ही बाढ़ की चपेट में आ चुके थे। लेकिन अब बाढ़ का पानी नगर से सटे बुढ़िया पुल से बहता हुआ टिलियां गांव के पास पहुंच चुका है।
वहीं बूढ़ी गंगा का पानी पहाड़ी गांव के पास के इलाके में बहना शुरू हो गया। इधर सिनौली, पचरोली मार्ग पर बूढ़ी गंगा के पुल पर कमर से ऊपर जल की तेज धारा बह रही है। यह पुल पिछली बार की बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो चुका था। लेकिन इसको एक बर्ष व्यतीत होने के बाद भी सही कराया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि यह पुल कभी भी धरासायी हो सकता है। वहीं शमसाबाद ढाई घाट पर बनी बूढ़ी गंगा की कच्ची पुलिया पानी की तेजधार से कटने के कगार पर है। वहीं पक्का पुल पानी की धारा से बीच से फटने लगा है।
जिससे वहां किसी भी वक्त एक बड़ा हादसा होने की संभावना बनी हुई है। धरमपुर, नसरूल्लापुर, भैंसार, अजीजपुर, भोगपुर के ग्रामीण रामदास, चरनसिंह, भूपाल, रामऔतार, रंगीलाल, सिद्धार, रामस्वरूप, पुत्तू तथा धरमपुर निवासी मुकेश आदि ने बताया कि हमारे गांवों में पानी लोगों के घरों में घुस चुका है। गांव के काफी लोग अपने घरों में ताला लगाकर सुरक्षित स्थानों पर चले गये हैं।