नई दिल्ली। जनलोकपाल पर गतिरोध खत्म करने की दिशा में टीम अन्ना और सरकार के बीच बुधवार को फिर से मशक्कत शुरू हो गई है। टीम अन्ना के प्रतिनिधि अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण और किरण बेदी असहमति वाले मुद्दों के समाधान के लिए कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के साथ उनके निवास पर बैठक कर रहे हैं।
इससे पहले सांसद सलमान खुर्शीद और संदीप दीक्षित ने ड्राफ्ट के प्वाइंट तैयार किए। ड्राफ्ट के प्वाइंट तैयार करने के लिए संदीप दीक्षित खुर्शीद के घर पहुंचे थे। ड्राफ्ट के प्वाइंट तैयार करने के बाद दोनों प्रणव मुखर्जी के घर पहुंचे और उन्हें अपना मसौदा सौंपा। टीम अन्ना और सरकार के बीच चार मुद्दों पर असहमति बनी हुई है। जिन मुद्दों पर असहमति हैं वे हैं- केंद्र और राज्यों के कर्मचारियों को भी लोकपाल के दायरे में रखा जाए, सभी राज्यों में एक साथ लोकायुक्त लाया जाए और हर विभाग अपना “सिटीजन चार्टर” बनाएं जिसमें यह निर्धारित किया जाए कि कौन अधिकारी कौनसा कार्य और कितने दिन में करेगा।
ऎसा न करने पर उस अधिकारी के वेतन में कटौती की जाए। मगर अन्ना हजारे इस पर कोई समझौता करने के मूड में दिखाई नहीं दे रहे हैं। इसका संकेत बुधवार को रामलीला मैदान में दिए अपने संबोधन से भी मिलता है।
उन्होंने इन मुद्दों का महत्व पर प्रकाश डालते हुए यह समझाने की कोशिश की ये क्यों जरूरी हैं। साथ ही उन्होंने सरकार की मनसा पर फिर सवाल उठाया और कहा कि भ्रष्टाचार पर सरकार की नीयत साफ नहीं है, वह अब भी भ्रष्टाचारियों को बचाने में लगी है। देश में ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार है इसलिए गांव से संसद तक सभी कर्मचारी लोकपाल के दायरे में आने चाहिए।