फर्रुखाबाद: जनपद के बेसिक स्कूलों की कमान अब छात्र-छात्राओं के माता-पिता संभालेंगे। उनके हाथ में स्कूल का पूरा प्रबंधन होगा। बच्चों की पढ़ाई से अन्य सुविधाओं तक का ध्यान अभिभावक ही रखेंगे। नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत यह व्यवस्था प्रदेश में लागू कर दी गई है। इसके तहत विद्यालय प्रबंधन समिति का गठन कर दिया गया है, यह अलग बात है कि यह सब अभी कागजों तक ही सीमित हैं। इसके लिये अभी जागरूक अभिभावकों व ग्राम प्रधानों को आगे आना पड़ेगा।
जनपद में बेसिक शिक्षा परिषद के करीब 1167प्राथमिक और 557 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। स्कूलों की प्रबंध समिति में 15 सदस्यों को रखा गया है। इसमें 11 सदस्य बच्चों के अभिभावक हैं। शेष चार सदस्य ग्राम शिक्षा समिति के शामिल किए गए हैं, जिनमें क्षेत्रीय लेखपाल व महिला स्वास्थय कर्मी भी सम्मिलित होंगे। समिति में शामिल अभिभावक अध्यापकों की उपस्थिति पर नजर रखेंगे। बच्चों के कोर्स पर भी नजर रखेंगे। इसके साथ शैक्षिक विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन का जिम्मा भी उनके पास होगा। सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत चल रही योजनाओं पर उनकी नजर होगी। सूत्रों की माने तो शैक्षिक संवर्धन की योजनाएं अध्यापकों और विभागीय सांठगांठ की भेंट चढ़ रही हैं। कई शिक्षक बिन बताए स्कूलों से नदारद रहते हैं, फिर भी अधिकारियों की मिली भगत से उनका वेतन निरंतर निकलता रहता है।