कक्षा आठ तक छात्रों को परीक्षा से छुट्टी! मास्टर जी की मौज

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फर्रुखाबाद:  परिषदीय व अनुदानित विद्यालयों में पढ़ रहे कक्षा आठ तक के बच्चों के लिए खुशखबरी है। इस साल उनकी कोई परीक्षा नहीं होगी। न सत्र परीक्षा, न छमाही,  न सालाना। परीक्षा भले न हो पर पढ़ना पूरा पड़ेगा। सत्र में पढ़ाई के साथ विद्यार्थियों का मूल्यांकन भी लगातार चलता रहेगा।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा आठ तक के बच्चों से इस साल न तो कोई फीस ली जानी है और न ही किसी को फेल किया जाना है। अधिनियम की मंशा के अनुरूप ढल रहे बेसिक शिक्षा विभाग ने इसी के साथ शिक्षा प्रणाली को बदलने की भी तैयारी कर ली है। बीते वर्षों में पढ़ाई का उद्देश्य परीक्षा में अच्छे अंक लाना माना जाता था लेकिन अब विभाग कक्षा आठ तक परीक्षा को ही समाप्त कर रहा है। वजह यही है कि बच्चों को परीक्षा की बजाय पढ़ाई पर केंद्रित किया जाए। उन्हें परीक्षा के लिए तैयार करने की बजाय गुणवत्तापरक शिक्षा पर ध्यान दिया जाए।

इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे परंपरागत शिक्षा की अपनी आदत छोड़ कर नई व्यवस्था को समझ सकें। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने मास्टर ट्रेनर तैयार किए हैं। यह ट्रेनर स्कूलों में शिक्षकों को पढ़ाई का नया तरीका सिखाएंगे।