तिलमिलाई कांग्रेस का वार अन्ना को बताया भ्रष्टाचारी

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नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के अनशन की तारीख नजदीक आते देख केंद्र सरकार ने टीम अन्ना पर हमला तेज कर दिया है। कांग्रेस ने अन्ना हजारे पर अब तक का सबसे तीखा हमला बोलते हुए हजारे को भ्रष्टाचारी करार दिया है।

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर अन्ना पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस प्रवक्ता ने 2005 में बने जस्टिस सावंत आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अन्ना के लोगों पर फिरौती, ब्लैकमेलिंग, जबरन वसूली, गुंडागर्दी और दूसरों की संपत्ति पर कब्जा करने के आरोप लगाया।

अन्ना हजारे पर भ्रष्टाचार में डूबे होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जस्टिस सावंत आयोग ने अन्ना के चार संस्थाओं की जांच की है। अन्ना के एक ट्रस्ट ने 1982 से 2002 के बीच लेखा-जोखा नहीं दिया है। अन्ना ने फौज की चिट्ठी का भी जवाब नहीं दिया।

अन्ना की इस टिप्पणी पर कि पीएम किस मुंह से झंडा फहराएंगे, मनीष तिवारी ने कहा कि हजारे ने शिष्टाचार की सारी हदें पार कर दी हैं। उन्होंने न सिर्फ पीएम का अपमान किया बल्कि तिरंगे का भी अपमान किया है जिसे लाल किले पर लहराने के लिए लाखों हिंदुस्तानियों ने बलिदान किया। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि तुम किस मुंह से भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन की बात करते हो। ऊपर से नीचे तक तुम भ्रष्टाचार में खुद लिप्त हो। ये बात हम नहीं कहते, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश की अगुवाई में बना हुआ जांच आयोग कहता है।

उन्होंने कहा कि अगर आप नैतिकता की दुहाई देते हैं तो पहले सावंत आयोग के इल्जामों का जवाब दें।

टीम अन्ना को ‘ए’ कंपनी करार देते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि इसने कभी अन्ना हजारे यह नहीं पूछा कि आपके खिलाफ बहुत संगीन आरोप जस्टिस सावंत ने लगाए हैं। क्या कहना है आपको इन आरोपों के बारे में। जस्टिस संतोष हेगड़े और वकील शांति भूषण से यह पूछना चाहता हूं कि आपने कभी अन्ना हजारे से यह पूछने की जरूरत नहीं समझी कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के कितने आरोप हैं।

इस तरह की रिपोर्ट का अभी खुलासा करने की वजह पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जब आप सभी मर्यादाओं की सीमा लांघ जाएं, सरकार ही नहीं संसद को भी अपमानित करें तो आपको आईने में अपना चेहरा दिखाना जरूरी है।

कांग्रेस ने पीएम पर अन्ना हजारे की टिप्पणी को लेकर नाराजगी जताते हुए सामाजिक कार्यकर्ता को शिष्टाचार सीखने की नसीहत दे डाली है, लेकिन अन्ना की टीम के तेवर भी कड़े बने हुए हैं। अन्ना की चिट्ठी के जवाब में पीएम के जवाब पर टीम अन्ना ने हैरानी जताते हुए कहा कि अनशन होकर ही रहेगा।