RTI का कमाल- चिकित्सक पर 35 लाख का आयकर वसूलने का आदेश

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फर्रुखाबाद: सूचना के अधिकार की ताकत का इस्तेमाल कर आयकर विभाग के रिटायर इन्स्पेक्टर जीवा लाल ने एक अस्पताल संचालक पर 35 लाख का आयकर और जुर्माना ठुकवा दिया| वैसे जीवा लाल कमल ने लडाई तो अस्पताल बंद करवाने की लड़ी थी, लेकिन जिला स्तर के अधिकारिओ और राजस्व कर्मियों के भ्रष्ट काकस के चलते उन्हें अभी तक पूरी सफलता नहीं मिल पायी| मगर अस्पताल कर्मी को सबक सिखाने में जीवा लाल कमल ने सूचना के अधिकार का इस्तेमाल आखिरी दम तक करने की ठान ली है| उनके इसी प्रयास के चलते आयकर आयुक्त ने अस्पताल संचालक पर कर चोरी करने का मामला सही पाते हुए 35 लाख आयकर विभाग को चुकाने का आदेश किया|

वैसे जीवालाल की लडाई अस्पताल कर्मी से आयकर चुराने को लेकर नहीं शुरू हुई थी| 1992 में जीवालाल ने आवास विकास में मकान खरीदा जिसके पड़ोस में एक तालाब की जमीन खरीद एक अस्पताल संचालक ने नर्सिंग होम बनबा दिया| नर्सिंग होम के बाहर लगे जरनेटर से जीवालाल की नींद हराम हुई तो जीवालाल ने आवासीय भूखंड में व्यवसायिक इस्तेमाल के विरोध में आवास उठाना शुरू की| जीवलाल भ्रष्ट सरकारी मकडजाल से पार नहीं पा पाए| जाँच आती तो जांचा अधिकारी अस्पताल संचालक की चाय पानी कर सरक लेते और अस्पताल संचालक जीवा लाल को मुह चिडाता| इसके बाद जीवा लाल ने सूचना का अधिकार का सहारा लेकर सरकारी नियमावली बटोरना शुरू की| सरकारी आदेशो की प्राप्ति के लिए जीवलाल को दर्जनों बार मामला प्रदेश स्तर पर सूचना आयुक्त तक ले जाना पड़ा| सूचनाएँ एकत्र करने के बाद जीवलाल ने मामले को अदालत में ले गए| अदालत ने मामला राजस्व का होने के कारण जिलाधिकारी को मामला निस्तारित करने का निर्देश दिया| जिलाधिकारी के निर्देशों पर नगर मजिस्ट्रेट और एसडीएम तहसीलदार स्तर के अधिकारी जांचा करने आने लगे| अस्पताल संचालक इन्हें भी चाय नाश्ता कराने लगा| अब तक अस्पताल संचालक जाँच अधिकारिओ के लिए किसी दुधारू गाय की तरह हो चूका था| स्वास्थ्य विभाग से लेकर राजस्व विभाग के कर्मी बिक गए|

मामला इतना पेचीदा है कि अगर कोई जाँच अधिकारी सही रिपोर्ट दे दे तो उनके पूर्व के कई अधिकारी और कर्मचारी जेल की चक्की पीसते नजर आयेंगे| जिले में कई लेखपालो के करिश्मे काबिले गौर है| जिन्दा को मुर्दा और मुर्दे को जिन्दा दिखाना, तालाब की जमीन को भूमिधारी बनाने के लिए पिछले सौ पचास साल के दस्ताबेजो में कारीगरी कर देना इन लेखपालो और कानूनगो के बाए हाथ का खेल रहा है| इसी का खामियाजा है है कि नगर में 50 साल पहले मौजूद तालाब अब भूमिधारी जमीन में तब्दील हो गए| भू-माफियाओ से पार्टनरशिप कर जमकर हेर फेर हुआ| इन्ही खेल के चलते जीवा लाल जैसे लड़ते लड़ते 18 साल के बाद भी कोई खास कामयाबी नहीं पा पाए|

लेकिन जीवलाल ने हार नहीं मानी| जिस पैसे से अस्पताल संचालक सबको खरीद रहा था अबकी बार जीवलाल ने अस्पताल संचालक की उसी काली कमाई पर चोट कर दी| जीवलाल ने अस्पताल संचालक के आयकर विवरण आयकर विभाग से सूचना के अधिकार के तहत मांगे| स्थाय्निया आयकर विभाग ने देने से इंकार किया तो आगरा स्थित आयकर आयुक्त के यहाँ अपील कर दी| आयकर आयुक्त अपील आगरा ने मामले को विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुना और मामला आगे बड़ा| नतीजा ये हुआ कि अस्पताल संचालक आयकर चोरी में फस गया और जुर्माने सहित 35 लाख आयकर विभाग को जमा करने के आदेश हो गए|