सिटी मजिस्ट्रेट के छापे में नदारद 17 का वेतन रुका 3 को प्रतिकूल प्रविष्टि

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फर्रुखाबाद: जिलाधिकारी के आदेश पर शनिवार को अपराह्न नगर मजिस्ट्रेट एके लाल ने विकास भवन में अचानक छापा मारा। निरीक्षण में कई विभागों के 17 कर्मचारी अपने नदारद मिले। जिलाधिकारी ने इन सभी का एक दिन का वेतन रोकने के आदेश दिये हैं। इनमें से तीन एसे भी हैं जो विगत 28 अप्रैल को एडीएम के निरीक्षण के दौरान भी अनुपस्थित मिले थे, इनको प्रतिकूल प्रविष्ट दे दी गयी है। निरीक्षण के दौरान मत्स्य विभाग के कार्यालय पर ताले लटकते मिले।

नगर मजिस्ट्रेट अशोककुमार लाल ने शनिवार को दोपहर बाद 3.30 बजे विकास भवन का औचक निरीक्षण किया। इससे कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। औचक निरीक्षण में सिटी मजिस्ट्रेट को भूमि संरक्षण विभाग के  वरिष्ठ सहायक राधेश्याम वर्मा, डीपीआरओ कार्यालय के कर्मचारी रामसेवक, डीडीओ कार्यालय में कनिष्ठ लिपिक शैलेंद्र सिंह राजपूत, लघु सिंचाई विभाग के बाबू ओमप्रकाश, प्रीत कटियार व मायाराम, समाजकल्याण विभाग में अंबिका प्रसाद व गीता पांडेय, पशुपालन विभाग में अमित द्विवेदी व रामसरन नदारद मिले। कृषि रक्षा विभाग के वरिष्ठ लिपिक, अल्पसंख्यक विभाग में शोएब और रमेशचंद्र के पास मूवमेंट रजिस्टर मौजूद नहीं मिला। मत्स्य विभाग का दफ्तर बंद पाया गया। उसमें न मत्स्य अधिकारी मौजूद थे, न कोई कर्मचारी। सिटी मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी रिग्जिन सैम्फेल ने अनुपस्थित पाये गये सभी 17 कर्मचारियों का एक दिन का वेतन रोकने के आदेश कर दिये हैं। इसके अतिरिक्त राधेश्याम वर्मा, प्रीत कटिया व अंबिका प्रसाद को प्रतिकूल प्रविष्ट दे दी गयी है। यह तीनों विगत 28 अप्रैल को अपर जिलाधकारी के निरीक्षण में भी अनुपस्थित पाये गये थे।