फर्रुखाबाद: अगस्त के पहले रविवार को मनाए जाने वाले फ्रेंडशिप डे पर दोस्ती का पैगाम देने युवा तैयारियों में जुटे हुए हैं। पिछले कुछ समय से विभिन्न अवसरों पर युवा वर्ग में ग्रीटिंग कार्ड का चलन काफी कम हो गया है। इसके पीछे मुख्य वजह यह सामने आई है कि 3-4 साल के अंदर कार्ड के रेट में काफी वृद्धि हुई है।
दूसरी ओर मोबाइल के प्रति बढ़ता क्रेज ग्रीटिंग कार्ड को धीरे-धीरे चलन से बाहर कर रहा है। बीसीए के कुछ छात्रों ने बताया कि 25-30 रुपए के पैकेज में कई मोबाइल कंपनियां बेइंतहा मैसेज भेजने की सुविधा देती है। इससे कार्ड को टिकट लगा कर पोस्ट करने समेत अन्य झंझटों से मुक्ति मिलती है।
दोस्तों को संदेश टाइप करने में जितना समय लगता है, उससे कम टाइम में मैसेज हजारों मील दूर पहुंच जाता है।
प्रतिस्पर्धा के दौर में सभी के पास समय की कमी है। इसके अलावा मुख्य बात यह है कि इस नई तकनीक की कम खर्च में मिलने वाली सुविधा लेने में हर्ज नहीं है। फोटो मैसेज के अलावा थ्री-जी को ऐसे मौके पर फूल का गिफ्ट देना ज्यादा पसंद है।
गुलाब की बात अलग है
फ्रेंडशिप डे पर फूल देने वालों के साथ-साथ दुकानदार भी तैयारियां कर रहे हैं। इस मौके पर लोग हैदराबाद, नागपुर और बैंगलूर से मंगवाए जाने वाले फूलों से दोस्ती का इजहार करेंगे। फेमस गजरा सेंटर के संचालक राकेश साहू के मुताबिक फूलों से शुभकामनाएं देना नया रिवाज नहीं है।
फिर भी पिछले कुछ सालों से यह ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। जहां तक फ्रेंडशिप डे की बात है इस मौके पर पीला गुलाब की काफी मांग रहती है। इसे ध्यान में रखते हुए फूल मंगवाए जा रहे हैं। दूसरी ओर इस साल फूलों की कीमत में करीब 10 फीसदी वृद्धि हुई है। इसके पीछे मुख्य वजह यह है कि डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि हुई है।
हर दिन दोस्ती का
वेलेंटाइन, मदर्स, फ्रेंडशिप जैसे दिन धूम धड़ाके के साथ मनाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर की कुछ छात्राओं का मानना है कि दोस्ती का पैगाम देना अच्छी बात है लेकिन इसमें दिखावे की जरूरत नहीं रहती।
मिस्टर फर्रुखाबाद तुषार बाजपेयी का कहना है कि वर्तमान समय में कुछ युवा पीड़ी के युवाओं ने इस पर्व के मायने को अपने फूहड़ता के द्वारा ठेस पहुचाई है| उनका फ्रेंडशिप का तात्पर्य सिर्फ लोव सेक्स और धोखा तक सीमित हो कर रह जाता है जो चिंतनीय है|
मिस फर्रुखाबाद स्वाति भरद्वाज के मुताबिक प्रेम विश्वास व् सम्मान का रिश्ता ही फ्रेंडशिप है जो माता पिता, भाई बहन आदि के बीच भी होता है|
संबंधों में मजबूती होनी चाहिए। इसमें दिन विशेष ज्यादा मायने नहीं रखता। दोस्ती के लिए हर दिन हर पल एक जैसा महत्वपूर्ण रहता है। इन छात्राओं का स्पष्ट मानना है कि कुछ असामाजिक तत्व ऐसे मौके पर फूहड़ता प्रदर्शित करते हैं जो स्वीकार्य नहीं है।