नशेड़ी बस ड्राइवर ने खुंदक में ले ली 35 बारातियों की जान

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फर्रुखाबाद: पटियाली (जनपद कांशीराम नगर) के ग्राम अड़ूपुरा के निकट मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर बुधवार रात हुए हादसा, जिसमें 35 बारातियों की मौत हो गयी, वास्तव में हादसा था ही नहीं। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार बस के नशेड़ी ड्राइवर ने जान बूझ कर खुन्नस में बारातियों से भरी बस को पटरी पर छोड़कर खुद कूद कर भाग गया था। बताते हैं कि अधिकांश बाराती व ड्राइवर नशे में थे, नशे के सुरूर में कुछ देर पहले ही बारातियों और ड्राइवर के बीच हुई कहा सुनी हो गयी थी।

ग्राम अड़ूपुरा से जुड़े विश्वस्त सूत्रों के अनुसार बांकेलाल यादव की पुत्री सुधा की बरात बस नंबर डीएल 1 पी-5245 से खाना खाकर वापस जा रही थी। दूल्हा प्रदीप व कुछ जिम्मेदार शेष रस्मों के लिये वहीं रुक गये थे। बारात वापसी के लिये चली तो माहौल काफी पुर-सुरूर था। अधिकांश बाराती नशे में थे। दूल्हा और दुल्हन बस के आगे एक बोलेरो जीप में यात्रा कर रहे थे। बारात में लोगों ने ड्राइवर को भी ठीक ठाक लगवा दी थी। कुछ बराती बस की छत पर बैठे थे। वापसी में बस में सवारियां अधिक हो जाने को ले कर बस ड्राइवर व बाराती युवकों में कुछ नोंक झोंक हो गयी। दोनों ओर से तनातनी होने पर बाद में देख लेने की बात कह कर कुछ बुजुर्गों ने मामला शांत करा दिया। परंतु ड्राइवर दिल में खुन्नस रखे रहा। रात करीब 1.55 बजे बमुश्किल 50 कदम की दूरी पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर 115 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ रही 15108 मथुरा-छपरा एक्सप्रेस ट्रेन को आते  देख ड्राइवर ने बस को ठीक क्रासिंग के बीचो बीच लाकर खड़ा किया और खुद फुर्ती से कूद कर भाग गया। बमुश्किल कुछ सेकेंड बाद ही जोरदार धमाके की आवाज के साथ उभरी चीत्कार को ड्राइवन ने सुना और फिर वह वहां से गायब हो गया। बताते हैं कि ड्राइवर के कूद कर भाग जाने के बाद दुर्घटना से पूर्व के कुछ आपातकालीन छड़ों में बस के हेल्पर के हेल्पर ने बस को हटाने का प्रयास भी किया, उसने बस स्टार्ट भी कर ली थी, परंतु तभी तेज रफ्तार छपरा मौत बनकर झपट पड़ी और 35 लोगों की जान एक झटके में चली गयी।

हादसा इतना हृदयविदारक था कि मौत का मंजर देखकर लोगों का कलेजा दहल गया। दुर्घटना में 33 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गयी और 35 को गंभीर हालत में अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां दो और चल बसे। कई की हालत चिंताजनक बनी हुई है। टक्कर इतनी तेज थी कि बस के परखच्चे उड़ गये और मलवा एवं शव करीब डेढ़ किलोमीटर के बीच बिखर गये। हर तरफ कोहराम मच गया। हालांकि छपरा एक्सप्रेस के ट्रेन चालक चिरौंजीलाल ने काफी सतर्कता से काम लिया और ट्रेन पटरी से उतरते-उतरते बच गयी वर्ना हादसा और भी बड़ा हो सकता था।