कार्रवाई..?? कोटेदार के विरुद्ध कार्रवाई की पत्रावली तक गायब

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एसडीएम व डीएसओ की स्पष्ट रिपोर्ट के बावजूद सन्नाटा:

फर्रुखाबाद: कोटेदारों और राशन माफिया के प्रशासन पर दबाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तहसील सदर के ग्राम श्रृंगीरामपुर के कोटेदार दुर्गानरायण मिश्रा के विरुद्ध शिकायतों के आधार पर जिलाधिकारी के निर्देश पर अपर उपजिलाधिकारी सदर रविंद्र कुमार व जिला पूर्ति अधिकारी आरएन चतुर्वेदी ने जांच की। जांच में अनियमित्ता व कालाबाजारी की पुष्टि के बावजूद आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कार्रवाई तो दूर अब तो संबंधित पत्रावली तक गायब है।

विदित है कि विगत 19 जून के डीएम के आदेश पर 24 जून को जांच के उपरांत अपर उपजिलाधिकारी सदर व डीएएसओ ने जो रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी थी उसके अनुसार कोटेदार दुर्गा नारायण मिश्रा ग्रम सभा श्रृगीरामपुर प्रतिमाह कैरोसिन का वितरण न कर तीन माह में एक बार ही बांटता है। बीपीएल व अंत्योदय कार्डधारकों को 15 व 20 किलोग्राम गेंहू व चावल दिया जाता है, जबकि क्रमश:  19 व  28 किलोग्राम गेंहू व चावल वितरित किया जाना चाहिये। चीनी (शकर) का वितरण तो केवल होली दिवाली ही किया जाता है। मजे की बात है कि एपीएल का गेंहू तो आज तक वितरित ही नहीं किया गया। इससे स्पष्ट है कि विक्रेता द्वारा वितरण में गंभीर अनियमिततायें की गयी हैं। रिपोर्ट में कोटेदार के विरुद्ध अनुसूचित वस्तु वितरण आदेश 1990 तथा यथा संशोधित आदेश 2004 के प्राविधानों व कोटा अनुबंध पत्र का स्पष्ट उल्लंघन किये जाने की पुष्टि भी की गयी है। रिपोर्ट में विक्रेता के गत तीन माह के वितरण अभिलेखों को जमा करने के साथ उसकी दुकान का अनुबंधपत्र तत्काल प्रभाव से निलंबित किये जाने की संस्तुति की गयी है।

डीएम के आदेश उच्चाधिकारियों द्वारा की गयी जांच में अनियमितताओं की भनक लगने के बाद भाकियू ने कोटेदार को अपने संगठन में जिलाध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया, तो कोटेदार दूसरे दिन ही दूसरे गुट से पद ले आया। कम से कम भाकियू ने इतनी कार्रवाई तो की, परंतु प्रशासन ने तो आज तक कोई कार्रवाई ही नहीं की है। दिलचस्प बात तो यह है कि आज की तारीख में पत्रावली कहां है यह भी एक बड़ा सवाल बन गया है। अपर उपजिलाधिकारी सदर रविंद्र कुमार ने बताया कि उन्होंने तो उसी दिन अपनी रिपोर्ट एडीएम को दे दी थी। अपर जिलाधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि उन्होंने दूसरे दिन एसडीएम की रिपोर्ट डीएसओ को भेज दी थी। जिला पूर्ति अधिकारी आरएन चतुर्वेदी ने बताया कि चूंकि मामला ग्रामीण क्षेत्र का होने के कारण कार्रवाई एससडीएम को करनी है, इस लिये उनहोंने आज शनिवार को अपनी रिपोर्ट के साथ पत्रावली एसडीएम सदर को भेज दी है। उप-जिलाधिकारी सदर अनिल ढींगरा ने बताया कि उनको आज तक पत्रावली मिली ही नहीं है। कारर्वाई तो दूर, सवाल यह है कि पत्रावली आखिर है कहां। कोई कार्रवाई न होने के कारण इस माह का भी उठान कोटेदार दुर्गानरायण मिश्रा ने कर लिया है। अब जिन उपभोक्ताओं ने कोटेदार के खिलाफ शिकायत की है या जिन्होंने अपने बयान दर्ज कराये हैं उनका कोटेदार मजाक उड़ा रहा है। उपभोक्ता व शिकायतकर्ता बेचारे हतप्रभ हैं।