गबन की जांच होने पर कांग्रेसी नेता ने ट्रष्ट की सदस्यता से त्याग पत्र दिया

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न्यायमूर्ति की संपत्ति रखवाली के लिए दो अग्रवालों की खोज

फर्रुखाबाद: ट्रष्ट में गबन होने की जांच शुरू होते ही वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शाह राधा रमण अग्रवाल ने लाला लक्ष्मी नारायण धर्मशाला के ट्रष्ट से त्याग पत्र दे दिया और उसकी जगह अपने बेटे को फिट करवा दिया|

लाला लक्ष्मी नारायण के नाम से फर्रुखाबाद रेलवे स्टेशन के निकट तथा रेलवे रोड चौक बाजार के निकट करोड़ रुपये कीमती धर्मशाला हैं| इस ट्रष्ट के अध्यक्ष तहसीलदार सदर तथा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शाह राधा रमण अग्रवाल, नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी सहित ४ सदस्य थे| जिनमे दो सदस्यों की मौत हो चुकी है| ट्रष्ट संपत्ति की देख-रेख तहसील सदर के नाजिर करते हैं|

बताया जाता है कि शाह राधा रमण रेलवे स्टेशन धर्मशाला के कथित मैनेजर गब्बर यादव व पूर्व नाजिर दिनेश की सांठ-गांठ से धर्मशाला की आय में गबन किया गया है| ट्रष्ट की पुरानी पत्रावली भी गायब कर दी गयी तथा नाजिर दिनेश को भी निलंबित कर दिया गया था| अवधेश बाजपेयी तेज तर्रार नाजिर को जब से चार्ज मिला है तो उन्होंने ट्रष्ट की संपत्ति की भी जांच-पड़ताल शुरू कर दी|

श्री बाजपेयी ने JNI को बताया कि धर्मशाला के कथित मैनेजर गब्बर ने धर्मशाला की आमदनी नजारत में जमा न करके शाह राधा रमण को देते रहे| जब मैंने इस मामले की जांच-पड़ताल शुरू की तो शाह साहब ने वृद्ध दर्शाते हुए ट्रष्ट की सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया| और अपने स्थान पर स्वयं के पुत्र सुनील अग्रवाल को सदस्य बनवा दिया| उन्होंने बताया कि शेष दो सदस्य पद के रिक्त पदों पर अग्रवाल समाज के दो प्रतिष्ठित लोगों की आवश्यकता है| ट्रष्ट की दो बैठके हो चुकी हैं और आगामी बैठक ११ जुलाई को प्रस्तावित है| लक्ष्मी नारायण अग्रवाल सुप्रीम कोर्ट के जज थे ट्रष्ट के नियम के मुताबिक़ अग्रवाल समाज के ही व्यक्ति ट्रष्ट के सदस्य बन सकते हैं|

नाजिर बाजपेयी ने बताया कि सुनील अग्रवाल ने ट्रष्ट की भूमि पर अवैध रूप से दुकानों का निर्माण शुरू कर दिया था| जिसको उप जिलाधिकारी के आदेश से रुकवा दिया गया था|