पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा और अनंत मिश्र हो सकते हैं गिरफ्तार!

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फर्रुखाबाद: परिवार कल्‍याण विभाग के दो सीएमओ की हत्या के मुख्य आरोपी डिप्टी सीएमओ डॉ. योगेन्द्र सचान की मौत मायावती सरकार के गले की हड्डी बनती नजर आ रही है| मीडिया द्वारा इस मुद्दे को उछालने के बाद पहले तो सरकारी अमले ने इसे आत्महत्या साबित करने की कोशिश की, परन्‍तु पीएम रिपोर्ट में हत्‍या की आशंका को देखते हुए मायावती सरकार अपनी गर्दन बचाने के लिए कुछ गिरफ्तारियां करवा सकती है| इसमें परिवार कल्‍याण विभाग एवं स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के दो पूर्व मंत्रियों बाबू सिंह कुशवाहा और सतीश मिश्रा भतीजे अनंत मिश्रा ऊर्फ अंटू मिश्रा की गिरफ्तारियां हो सकती है| अनंत मिश्र फर्रुखाबाद से बसपा विधायक है और उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री थे जबकि परिवार कल्याण मंत्र्यालय बाबू सिंह कुशवाहा के पास था| इन दोनों मंत्रियों से सीएमओ डा. बीपी सिंह की हत्या के बाद इस्‍तीफा लिया गया था|

इधर, विपक्ष ने भी सरकार पर दबाव बनाते हुए इन दो पूर्व मंत्रियों की भूमिका को संदिग्‍ध बताया है| सपा के प्रदेश अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि डिप्‍टी सीएमओ डा. सचान की हत्‍या में इन पूर्व मंत्रियों का भी हाथ हो सकता है| उन्‍होंने कहा कि 23 जून को कोर्ट में पेशी के दौरान राज खुलने के डर से डा. सचान को एक दिन पहले जेल में मार दिया गया| उन्‍होंने राज्‍यपाल से इन दोनों पूर्व मंत्रियों को गिरफ्तार करवाने के साथ ही राज्‍य सरकार को भी बर्खास्‍त करने की मांग की है|

दूसरी तरफ डॉ. सचान की लखनऊ जिला जेल के अस्पताल में हुई मौत के बाद गुरूवार को कैबिनेट सेक्रेटरी शशांक शेखर ने इसे आत्महत्या का मामला बताया था और कहा था कि ऐसा लगता है कि मृतक अपना गुनाह छिपाने के लिए आत्महत्या कर ली है| लेकिन पीएम रिपोर्ट आने के बाद मीडिया द्वारा मौत पर सवाल उठाये जाने के बाद अब मायावती सरकार पशोपेश में है| उसको सफाई देते नहीं सूझ रहा है. डा. सचान के परिवार वालों ने भी बड़े लोगों का हाथ होने का अंदेशा जताकर सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है| डा. सचान के परिजन तो एम्‍स के डॉक्‍टरों के न आने तथा सीबीआई जांच की मांग न माने जाने तक डाक्‍टर के शव का अंतिम संस्‍कार करने से भी इनकार कर दिया है|

डा. सचान की जेल में संदिग्‍ध मौत से बैकफुट पर आईं बसपा सुप्रीमो ने कल देर रात अपने कई विश्‍वसनीय सहयोगियों के साथ बैठक की| माना जा रहा है कि जल्‍द से जल्‍द इस मुद्दे की आंच को कम करने के लिए इस मामले को पुलिस से लेकर राज्‍य की किसी अन्‍य जांच एजेंसी अथवा सीबीसीआईडी को जांच के लिए सौंपा जा सकता है| मामला ज्‍यादा तूल न पकड़े तथा सीबीआई जांच की मांग जोर न पकड़े इसके लिए माया सरकार अपने दो पूर्व मंत्रियों बाबू सिंह कुशहावा और अनंत मिश्र की गिरफ्तारी से भी पीछे नहीं हटेंगी| सभावना जताई जा रही है कि ज्‍यादा किरकिरी से बचने के लिए इन दोनों को गिरफ्तार करवाया जा सकता है| ऐसा मुख्‍यमंत्री अपना गर्दन बचाने के लिए कर सकती हैं, क्‍योंकि सीबीआई जांच की आंच उन तक भी पहुंच सकती है|