यूपी का आला अफसर बनाम बसपा का मीडिया प्रभारी

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बसपा मुख्‍यमंत्री के अफसर अब बहुजन समाज पार्टी का बयान जारी करने लगे हैं। प्रदेश के प्रमुख सचिव (गृह) कुंवर फतेह बहादुर ने आज सारी प्रशासनिक जिम्‍मेदारियों और लोकसेवक के दायित्‍वों को बलायेताक रखते हुए आज खुलेआम बहुजन समाज पार्टी का चेहरा ओढ़ लिया और बाकायदा एक प्रेस कांफ्रेंस सरकारी बात करने के बजाय सीधे बसपा के मीडिया प्रभारी की तरह घोषणा की कि मायावती ने मुजफ्फरनगर के बसपा विधायक शहनवाज राणा को पार्टी से निलम्बित कर दिया है। कुंवर फतेह बहादुर ने इससे भी आगे बढ़ते हुए यह ऐलान तक कर दिया कि मायावती के निर्देशों के अनुसार अब पार्टी संगठन के किसी भी कार्यक्रम में शहनवाज राणा को नहीं बुलाया जाएगा।

यूपी में आला आईएएस अफसर का वह धड़ा अब खुल कर बहुजन समाज पार्टी की बोली बोलने लगा है, जो मायावती के किचन-कैबिनेट में माना जाता है। मायावती के खासमखास अफसर कहे जाने वाले प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह कुंवर फतेह बहादुर सिंह ने आज सारी मर्यादाओं को ताक पर रखते हुए एक सरकारी प्रेस कांफ्रेंस में राणा के बसपा से निलम्‍बन का ऐलान कर दिया। मुख्‍यमंत्री के सरकारी कार्यालय सचिवालय एनेक्‍सी के मीडिया सेंटर में आयोजित इस कांफ्रेंस में फतेह बहादुर खुल कर बसपा के बयान जारी करते रहे। इस प्रेस कांफ्रेंस में उन्‍होंने प्रदेश की कानून-व्‍यवस्‍था की हालत पर बोलने के बजाय पुरानी सरकारों के कार्यकाल में दौरान रही कानून-व्‍यवस्‍था को बदहाल बताया। फतेह बहादुर की इस करतूत से प्रदेश के आईएएस अफसरों समेत पूरी नौकरशाही खुद को शर्मसार महसूस कर रही है।

प्रमुख सचिव ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि मुजफ्फरनगर में लड़कियों से छेड़छाड़ और बलात्‍कार की कोशिश मामले में वहां के विधायक शहनवाज राणा को निलम्बित कर दिया गया है। उन्‍होंने बताया कि माननीया मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती जी ने मुजफरनगर की घटना में बिजनौर के विधायक श्री शहनवाज राणा का नाम जुड़ जाने के कारण उन्हें पार्टी सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है। उन्होंने यह निर्देश भी दिए हैं कि भविष्य में श्री राणा को पार्टी के किसी कार्यक्रम में न तो बुलाया जाए और न ही सम्मिलित किया जाए।

प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह श्री कुंवर फतेह बहादुर ने आज यहां एनेक्सी स्थित मीडिया सेन्टर में पत्रकारों से वार्ता के दौरान यह जानकारी देते हुए कहा कि घटना की जांच के लिए एसटीएफ को निर्देशित किया गया है, ताकि दोषियों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जा सके। उन्होंने कहा कि 22 जून, 2011 को श्री गौरव जैन निवासी शाहदरा, दिल्ली द्वारा थाना सिविल लाइन, जनपद मुजफ्फरनगर में तहरीर देकर बताया गया कि 21-22 जून की रात में लगभग 01:00 बजे मुजफरपुर नगर बाईपास स्थित हिमालयान फिलिंग स्टेशन पेट्रोल पम्प पर उनके तथा उनकी महिला मित्रों के साथ कुछ लोगों द्वारा छेड़खानी तथा अभद्रता की गयी तथा महिला मित्रों के साथ दुराचार का प्रयास किया गया।

श्री जैन द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर 22 जून, 2011 को थाना सिविल लाइन, जनपद मुजफर नगर में आईपीसी की धारा 377, 2011 धारा-64, 376, 511, 342, 395, 397, 323, 504, 506 में एफआईआर दर्ज कर विवेचना प्रारम्भ की गयी। विवेचना से इस घटना में शामिल दिलशाद पुत्र महमूद, मसरूर अहमद पुत्र ममनून अली, रागिब पुत्र शाहिद का नाम आने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। घटना में प्रयुक्त एक मारुति वैगन-आर कार नम्बर-एचआर-26एई-0489 सिल्वर कलर की भी बरामद की गयी। इसके अलावा श्री दिलशाद के कब्जे से उसकी लाइसेंसी पिस्टल भी बरामद की गयी।

प्रमुख सचिव गृह ने बताया कि विवेचना से प्रकाश में आया कि घटना में जिन सुरक्षा कर्मियों की संलिप्तता पायी गयी है, वे विधायक, बिजनौर श्री शाहनवाज राणा एवं उनकी पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष, मुजफरनगर श्रीमती इन्तखाब राणा के सुरक्षा कर्मी हैं। इसके साथ ही इस घटना के लिए जिन अन्य लोगों के ऊपर आरोप लग रहे हैं और घटना में जो गाड़ी प्रयुक्त की गयी है, वह भी इन्हीं से सम्बन्धित है। उन्होंने बताया कि इनके सुरक्षा कर्मी हेड कान्सटेबल श्री नरेन्द्र कुमार खोखर एवं कान्सटेबल श्री जर्रार हुसैन को निलम्बित कर हिरासत में ले लिया गया है।

प्रमुख सचिव ने बताया कि माननीया मुख्यमंत्री जी ने कानून द्वारा कानून का राज स्थापित करके प्रदेश में भयमुक्त, भ्रष्टाचारमुक्त, अपराधमुक्त, अन्यायमुक्त तथा विकासयुक्त वातावरण बनाये जाने पर हमेशा बल दिया है। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों के जंगलराज को खत्म करने के लिए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए तथा अनेक कड़े कदम भी उठाये, ताकि प्रदेश में अमन-चैन कायम हो सके। इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा खूंखार अपराधियों, गुण्डों व माफियाओं पर लगातार शिकंजा कसा गया और उनके विरुद्ध कानून सम्मत सख्त से सख्त कार्रवाई की गयी।

प्रमुख सचिव ने बताया कि माननीया मुख्यमंत्री जी ने अपनी पार्टी संगठन के पदाधिकारियों, विधायकों, सांसदों व मंत्रियों को हमेशा हिदायत दी कि पूर्व की सरकारों के शासनकाल में उनके सांसदों, विधायकों, मंत्रियों तथा पार्टी पदाधिकारियों द्वारा जो आचरण किया जाता रहा था। उस प्रकार का आचरण उनकी पार्टी के लोगों द्वारा कतई नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां-जहां उन्हें बीएसपी के पदाधिकारियों, विधायकों, सांसदों व मंत्रियों द्वारा गड़बड़ी किए जाने या कानून तोड़ने की शिकायतें मिली, ऐसे सभी मामलों में माननीया मुख्यमंत्री जी द्वारा सख्त कार्यवाही की गयी। उन्होंने कहा कि मुजफरनगर का यह प्रकरण अत्यन्त गम्भीर है क्योंकि माननीया मुख्यमंत्री जी ने हमेशा महिलाओं के विरूद्ध अत्याचार की घटनाओं अथवा उनके शोषण के मामलों को लेकर कड़ा रूख अपनाया है।