फाइलों में कैद न्याय: संसारवती कांड में तत्कालीन सीओ की गवाही

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फर्रुखाबाद: पोलियो पीड़ित 12 वर्षीय किशोरी का आपरेशन कर इलाज करने के नाम पर सर्जन ने उसकी दूसरी ठीक टांग काट दी। घटना के उन्नीस साल बाद भी मामला अभी निजचली अदालत में गवाही के चरण में है। मंगलवार को तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक  व वर्तमान में पुलिस अधीक्षक प्रशिक्षण निदेशालय सूर्यनाथ सिंह ने एडीजे प्रथम के न्यायालय में गवाही दी।

उन्नीस वर्ष पूर्व सन 1992 में जिला चिकित्सालय में विकास खंड शमसाबाद की पीड़ित विकलांग किशोरी संसारवती के पोलियो ग्रस्त पैर के आपरेशन के नाम पर उसकी दूसरी सही टांग का आपरेशन कर दिया गया। आपरेशन के जख्म में इनफेक्शन के बाद उसे गैंगरीन हो गया, नतीजे में संसारवती का पैर काटना पड़ा था। संसार वती के पिता ने सर्जन डा. एसके गुप्ता पर आपरेशन के लिये रुपये मांगने व रिश्वत न देपाने के कारण जानबूझ कर उसकी बेटी का गलत आपरेशन करने का आरोप लगाय था। आरोप है कि उसका ठीक से उपचार भी नहीं किया गया। गलत इलाज से उसे पैर गंवाने पड़े। इस मामले में हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. एसके गुप्ता के खिलाफ 17 मार्च 1992 को मुकदमा दर्ज किया गया था। तत्कालीन क्षेत्राधिकारी नगर सूर्यनाथ सिंह ने विवेचना कर आरोपपत्र दाखिल किया था। मंगलवार को इस मामले में उनकी पेशी हुई। वर्तमान में पुलिस प्रशिक्षण निदेशालय के एसपी सूर्यनाथ सिंह ने गवाही में कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी की डाक्टरों की टीम के सामने अलमारी खोलकर संसारवती की बेडहेड टिकट(बीएचटी-पर्चा) निकाला गया। गवाह ने डॉक्टर से बचने के लिए फर्जी अभिलेख तैयार करने का बयान दिया था। संसारवती के पिता ने आपरेशन से पूर्व व बाद के फोटो ग्राफ भी दिये जो जांच में शामिल किये गये। बचाव पक्ष के अधिवक्ता एके शर्मा ने गवाही के बाद एसपी से जिरह की। सूर्यनाथ सिंह ने गवाही में कहा कि टीम बनाकर अलमारी खोलकर “बीएचटी” निकाली गयी। उन्होंने बताया कि गवाह ने डाक्टर से बचने के लिए फर्जी अभिलेख तैयार करने का बयान दिया था।