फर्रुखाबाद: जिला पंचायतराज अधिकारी के आहरण-वितरण अधिकार को लेकर चल रही खींच-तान पर आखिर सोमवार को विराम लग गया है। इसी के चलते ग्राम स्तर पर तैनात सफाई कर्मियों और कार्यालय के कर्मचारियों को लगभग चार माह बाद वेतन मिल पाने का रास्ता साफ हो गया है।
विदित है कि प्रभारी जिला पंचायतराज अधिकारी के तौर पर पूर्व में तैनात रहे डीएन मिश्रा के आहरण-वितरण अधिकार पर वरिष्ठ कोषाधिकारी एसएन मिश्रा ने यह कह कर रोक लगा दी थी कि वह राजपत्रित अधिकारी नहीं हैं। तब तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी चंद्र प्रकाश त्रिपाठी ने डीपीआरओ कार्यालय के वित्तीय कार्यों की जिम्मेदारी स्वयं संभाल ली थी। बाद उनके स्थानांतरण व जनपद में एक और एडीपीआरओ इंद्रपाल यादव ने यहां ज्वाइन किया। वरिष्ठता के आधार पर डीएम ने उनको डीपीआरओ का चार्ज दे दिया। परंतु कोषागार ने उनके आहरण वितरण अधिकार पर यह कहकर आपत्ति लगा दी कि वह राजपत्रतित अधिकारी नहीं है। मामला फिर लटक गया। स्थिति यह रही कि चार माह से कार्यालय के कर्मचारी व अल्पवेतनभोगी ग्रामपंचायतों में तैनात सफाई कर्मचारी वेतन के लिये तरस गये।
आखिर नये मुख्य विकास अधिकारी ने इस समस्या का समधान निकालने का प्रयास किया। इसी बीच पंचायतराज निदेशक ने डीएन मिश्रा को राजपत्रित पतिष्ठा प्रदान किये जाने संबंधी पत्र भी जारी कर दिया। कुल मिला कर सोमवार को डीएन मिश्रा को आहरण वितरण अधिकार दिये जाने का निर्णय कर दिया गया है। उनको डीपीआरओ के प्रशासनिक व वित्तीय अधिकार दिये गये हैं। इस बहाने कर्मचारियों को चार माह वाद वेतन मिल पाने की उम्मीद जाग गयी है।