फर्रुखाबाद: कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना के 50 फीसदी भवन अब अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित रहेंगे। दलित लाभार्थी न मिलने पर शेष भवन भी उस क्षेत्र के सामान्य व पिछड़े वर्ग के लोगों को नहीं आवंटित किये जायेंगे बल्कि वे भवन पड़ोस की नगरीय निकाय के अनुसूचित जाति के जरूरतमंदों को दिये जायेंगे। शर्त यह है कि आवंटी को ऐसे भवन में स्वयं निवास करना अनिवार्य होगा, अन्यथा की स्थिति में आवंटी को 15 दिन की नोटिस देकर आवंटन निरस्त कर दिया जायेगा।
विदित है कि वर्ष 2008 में जारी शासनादेश में कांशीराम योजना के 23 प्रतिशत भवन अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग को, 27 प्रतिशत भवन अन्य पिछड़े वर्ग को तथा शेष 50 प्रतिशत भवन सामान्य श्रेणी के लिए आरक्षित करने की व्यवस्था की गयी थी। दिसंबर 2009 में पुन: संशोधित आदेश जारी कर कहा गया कि अनुसूचित जाति के लाभार्थियों के लिए 23 प्रतिशत आवास आवंटन के बाद शेष आवास अन्य वर्गो को दिए जाएं। आवास विभाग ने आवास आवंटन के आरक्षण में पुन: संशोधित आदेश जारी किया है। इसके अनुसार कांशीराम आवासीय योजना के पचास प्रतिशत आवास दलित वर्ग के लाभार्थियों के लिये आरक्षित रहेंगे व अपेक्षित संख्या में लाभार्थी न मिलने पर निकटवर्ती नगरीय क्षेत्र के दलितों को अवसर दिया जायेगा।