बाबा रामदेव के सशस्त्र सेना बनाने के बात कहने के बाद उनका साथ नहीं देने की घोषणा करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि बाबा रामदेव अभी इतने मच्योर नहीं हुए हैं कि वह किसी सामाजिक आंदोलन को लीड कर सकें। उन्हें फिलहाल योग को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल नहीं है।
अन्ना ने एक टीओआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि सामाजिक कार्य करने के लिए कई तरह के अनुभव होना जरूरी है और बाबा को अभी यह सब सीखना है। उन्होंने कहा कि बाबा जल्दबाजी में एकतरफा फैसला ले लेते हैं।
बाबा रामदेव की तबियत शुक्रवार को बिगड़ जाने और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराए जाने की खबर आने के बाद अन्ना हजारे ने सरकार से अपील की थी कि केंद्र को रामदेव से अनशन तोड़ने के लिए कहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार मानवीय आधार पर उनसे बातचीत करनी चाहिए।
यह पूछने पर कि उन्होंने बाबा के आंदोलन से दूरी क्यों बना ली है, अन्ना ने कहा कि अपने आंदोलन में हम सभी के विचारों को सुनते हैं, चर्चा करते हैं और उसके बाद मिलकर कोई फैसला लेते हैं, लेकिन बाबा इस तरह नहीं सोचते। वह अकेले ही सारे फैसले लेते हैं। यही कारण है कि कई बार अपनी बातों ने उन्होंने अनजाने में ही सरकार को ही फायदा पहुंचाया है।
हालांकि अन्ना ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कि बाबा रामदेव और उनके आंदोलन का लक्ष्य एक है- भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई।
इससे पहले अन्ना ने दिग्विजय सिंह पर भी पलटवार करते हुए कहा कि ‘दिग्विजय सिंह को पागलखाने में बंद कर देना चाहिए।’ दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि अन्ना हजारे संघ (आरएसएस) के आदमी हैं।