फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) कानून सबके लिए एक है यह कानून ही कहता है! डिस्पोजल प्लास्टिक पर पूरी तरह से पाबंदी लगी है, कोई इसकी बिक्री करता पकड़ा जाता है तो बाबू साहब कार्यवाही का हंटर चला देते है, लेकिन जब बात खुद की हो तो फिर कानून टूटे तो टूटे साहब बहादुर को खुश करनें का पूरा प्रयास होता है| उन्हें पता है कार्यवाही करेगा कौन? मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया| जिसमे जिला प्रशासन ने तारीफ के काबिले तारीफा व्यवस्था की गयी थी! लेकिन कुछ जगह पर लोगों की नजर गयी तो सबाल खड़े हो गये|
दरअसल केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के बाद राज्य शासन ने सभी एजेंसियों को प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था| जिसके बाद कई चरण में प्लास्टिक बिक्री करने वाले और प्लास्टिक में भरकर सामान बिक्री करनें वाले दुकानदारों पर कार्यावाही करते हुए उन पर जुर्माना ठोका गया| यह सब तो जनहित में और ठीक भी है| रामायण कहती है ‘भय बिनु होइ न प्रीति’ लिहाजा जब तक सख्ती नही की जायेगी तब तक लोग सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद नही करेगा|
लेकिन कार्यवाही करने वाले भी वही कार्य खुद करें जिस के तहत उन्होंने दूसरों पर जुर्माना लगाया तो फिर सबाल खड़े होते है| बढ़पुर के क्रिश्चियन कालेज मैदान में समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का आयोजन हुआ| जिसमे तकरीबन 180 जोड़ो का विवाह सम्पन्न कराया गया| लेकिन व्यवस्था में जगह -जगह कानून तोड़ा गया!
सामूहिक विवाह में भोजन के साथ पानी पीने के लिए प्रतिबंधित डिस्पोजल का प्रयोग हजारों की संख्या में हुआ| जिम्मेदारों के सामने ही सब हुआ, लेकिन किसी नें भी इसका विरोध नही किया| आटा गुथने से लेकर बर्तन धोनें तक नाबालिक बच्चे लगाये गये| जो 500 रूपये दिहाड़ी पर लगाये गये| जब सबाल किये गये तो जिम्मेदार बगलें झांकने लगे| बोले कार्यवाही होगी और किनारा कर लिया| कार्यवाही किस पर होगी क्या होगी यह ना तो कोई बताने वाला और ना देखने वाला! मौके पर मौजूद जिला समाज कल्याण अधिकारी रेनू सिंह नें बताया कि यदि मामला मेरी जानकारी में आयेगा तो कार्यवाही करेंगे|