डिजिटल हाजिरी का विरोध, सड़क पर उतरे हजारों शिक्षक, पदयात्रा निकाल सौंपा ज्ञापन 

FARRUKHABAD NEWS


फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) डिजिटल हाजिरी के विरोध का सोमवार को आठवां दिन है| लेकिन शिक्षक अभी भी टस से मस नही हो रहे हैं| सोमवार को हजारों की संख्या में शिक्षक, शिक्षिका , शिक्षामित्र, अनुदेशक सड़क पर उतरे और पदयात्रा निकाला ज्ञापन सौंपा |
शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा को संयोजक जिलाध्यक्ष भूपेश पाठक के नेतृत्व में हजारों की संख्या में शिक्षक विकास भवन कार्यलय के बाहर एकत्रित हुए| इसके बाद पदयात्रा निकाल नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पंहुचे| शिक्षकों की भीड़ से कलेक्ट्रेट परिसर खचाखच भर गया| इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा| जिसमे 7 सूत्रीय मांगे की गयी|
यह दिया मांग पत्र

1.ऑनलाइन डिजिटल उपस्थिति शिक्षकों की सेवा के परिस्थियों के दृष्टिगत अव्यवहारिक, नियमो व सेवाशर्तों के विपरीत है इसे तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाय ।
2.सभी परिषदीय शिक्षक शिक्षणत्तर कर्मियों को अन्य कर्मचारियो की आंति प्रति वर्ष 30 अर्जित अवकाश, हाफ डे सी०एल०, अवकाश अवधि में विभागीय, सरकारी कार्य हेतु बुलाने पर प्रतिकार अवकाश अवश्य प्रदान किये जाय। अर्जित अवकाश की व्यवस्था न होने से शिक्षक विवाह, 13-दिवसीय संस्कार, परिजन के अस्पताल में भर्ती आदि में कौन सा अवकाश लेंगे।
3.समस्त शिक्षक कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल की जाय क्योंकि अभी हमारे कई शिक्षक साथी सेवानिवृत्त हुए हैं जिनकी पेंशन मात्र 1000-2000 बन रही है कैसे बुढ़ापा काटेंगे जब उन्हें धन की सबसे अधिक आवश्यकता होती है।
4.सभी विद्यालयों में प्रधानाध्यापक का पद बहाल करते हुए वर्षों से लंबित पदोन्नति प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण की जाय और पदोन्नति प्राप्त शिक्षकों को पदोन्नति तिथि से ग्रेड पे के अनुरूप न्यूनतम मूल वेतन 17140/18150 निर्धारित किया जाय। साथ ही शिक्षक/शिक्षिकाओं को उनके मूल जनपद/ऐच्छिक जनपद में स्थानांतरण का अवसर दिया जाय।
5.शिक्षामित्र अनुदेशक जो वर्षों से अल्प मानदेय पर विभाग को पूर्णकालिक सेवाएँ दे रहे हैं उन्हें नियमित किया जाय और जब तक यह कार्य पूर्ण नहीं होता सामान कार्य सामान वेतन के आधार पर मानदेय निर्धारित किया जाय। बिहार की तरह चिकित्सीय अवकाश का लाभ उन्हें भी दिया जाय।
6.आरटीई. एक्ट व राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अलोक में परिषदीय शिक्षकों को समस्त गैर शैक्षणिक कार्यों से तत्काल मुक्त किया जाय। ऐसे कार्यों की बहुत लम्बी फेहरिश्त है। साल भर चलने वाला बीएलओ कार्य, एमडीएम, समस्त ऑनलाइन कार्य आदि सब भी इसी श्रेणी में आते हैं।
7.समस्त परिषदीय शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों को सामूहिक बीमा, प्रीमियम मुक्त कैशलेस चिकत्सा सुविधा से आच्छादित किया जाय। शायद यह अकेला ऐसा विभाग है सामूहिक बीमा व चिकत्सा की कोई सुविधा नहीं है। अभी भी एक लाख से अधिक विद्यालयों के छात्र छात्राएं जमीन पर बैठती हैं उनके लिए डेस्क बेंच आदि की व्यवस्था की जाय|
सह संयोजक नरेंद्र सिंह जाटव, पियूष कटियार, अभिनेष मिश्रा, प्रवेश राठौर, सुजीत कुमार, ऋषिपाल यादव, अनुराग पाण्डेय, आरेंद्र यादव, जितेन्द्र सिंह राठौर, विमलेश शाक्य, प्रवेश राठौर, दीपक भास्कर, आदेश अवस्थी, संजीब कटियार, राज्य कर्मचारी महासंघ के जिला महामंत्री प्रमोद दीक्षित आदि रहे|

तीन दर्जन संकुल शिक्षकों नें दिया त्यागपत्र
डिजिटल हजिरी के विरोध में बढ़पुर के तीन दर्जन 36 संकुल शिक्षकों नें व्लाक संसाधन केंद्र बढ़पुर आकर 18 सूत्रीय मांगों के साथ अपना त्यागपत्र सौंप दिया |