डेस्क: अप्रैल माह से अस्त शुक्र अब दो महीने बाद शुक्रवार 28 जून को उदित हुए है|वैसे तो शुक्रोदय के तीन दिन बाद उनकी बाल्यावस्था से निवृत्ति के बाद शुभ कार्य आरंभ हो जाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। 13 दिवसीय विश्वघस्र पक्ष के कारण छह जुलाई से शुक्ल पक्ष आरंभ होने के बाद मांगलिक कार्य शुभारंभ होंगे।नौ जुलाई से पन्द्रह जुलाई के बीच चार दिन विवाह संपन्न हो सकेंगे। 17 जुलाई को हरिशयनी एकादशी के बाद फिर सभी शुभ कार्यों पर विराम लग जाएगा।
आचार्य सर्वेश कुमार शुक्ला ने बताया कि विवाह के लिए चार तिथियों 9, 11, 12 व 15 जुलाई को ही विवाह के सर्वथा उपयुक्त लग्न मुहूर्त है। इसके बाद विशाखा नक्षत्र आरंभ होने और फिर 17 जुलाई को हरिशयनी एकादशी के कारण सभी शुभ कार्यों पर विराम लग जाएगा और फिर 12 नवंबर के बाद ही विवाह होंगे।