नई दिल्ली: जनपद उन्नाव के सीओ (क्षेत्राधिकारी) रहे कृपा शंकर कनौजिया को शासन ने सिपाही बना दिया है। इसके बाद कृपा शंकर कनौजिया चर्चा में हैं। सोशल मीडिया पर भी खबर वायरल है। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला और योगी सरकार ने सीओ पर आखिर क्यों की कार्रवाई।
गोरखपुर निवासी सीओ कृपा शंकर कनौजिया उन्नाव के बीघापुर में तैनात थे। उन्होंने 6 जुलाई 2021 दिन मंगलवार को घर जाने के लिए छुट्टी ली। उन्हीं के सर्किल के बारासगवर थाने में तैनात महिला सिपाही ने भी छुट्टी ली। प्राइवेट वाहन से दोनों शाम पांच बजे माल रोड स्थित एक होटल पहुंचे। उस दौरान सीओ और महिला सिपाही ने अपनी आईडी के तौर पर आधार कार्ड दिया।
घर नहीं पहुंचे तो पत्नी ने जताई हत्या की आशंका
दोनों ने अपने असली नाम भी रजिस्टर में लिखवाए। उसके बाद रूम नंबर 201 में चले गए। इधर देर शाम तक सीओ घर नहीं पहुंचे तो उनकी पत्नी ने उन्हें कई बार फोन किया। मगर उनका सीयूजी और पर्सनल नंबर दोनों ही बंद जा रहे थे। रात में सीओ की पत्नी ने उन्नाव पुलिस अधिकारियों को फोन कर सूचना दी। उन्नाव एसपी आनंद कुलकर्णी को फोन कर पति की हत्या की आशंका जताई किया। उन्होंने सीओ की हत्या की आशंका जताई।
आधी रात में महिला सिपाही के साथ होटल में मिले सीओ
एसपी ने सर्विलांस टीम को लगाया तो लोकेशन ट्रेस कर आधी रात में होटल पहुंची पुलिस ने फीलखाना से एक दरोगा और दो सिपाही की मदद से सीओ और महिला सिपाही को होटल से बरामद किया गया। 5 दिन बाद सीओ छुट्टी लेकर गोरखपुर चले गए और फिर लौटकर नहीं आए।
सीओ से बनाए गए सिपाही
पुलिस आचरण नियमावली का उल्लंघन करने का दोषी पाए जाने पर यह कार्रवाई हुई है। कृपा शंकर कनौजिया को शासन ने सिपाही बना दिया है। शासन ने उनको निलंबित करने के बाद विभागीय जांच का आदेश दिया था। वर्तमान में गोरखपुर की 26वीं वाहिनी पीएसी में तैनात कृपा शंकर को सिपाही बनाए जाने की पुष्टि कमांडेंट ने की है।