सेन्ट्रल जेल के सिद्ध दोष वृद्ध बंदी की मौत, परिजनों नें लगाये गंभीर आरोप

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) बीते आठ साल से जेल में निरुद्ध सिद्ध दोष वृद्ध बंदी की हालत बिगड़ने पर उसे लोहिया अस्पताल में भर्ती किया गया| जहाँ चिकित्सक नें उसे मृत घोषित कर दिया| परिजनों नें जेल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगायें | हंगामा होनें पर पुलिस मौके पर पंहुची और मामले को शांत किया|

जनपद उन्नाव निवासी 80 वर्षीय सिद्ध दोषबंदी अशोक कुमार पुत्र अमृतलाल बीते 30 अप्रैल 2017 को जिला कारागार उन्नाव से सेन्ट्रल जेल फतेहगढ़ भेजा गया था| शनिवार को अचानक तबीयत खराब होनें पर बंदी रक्षक बाबू शंकर नें 5:57 बजे लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया| मौके पर तैंनात ईएमओ डॉ. अभिषेक चतुर्वेदी नें बंदी अशोक को मृत घोषित कर दिया| बंदी की मौत की खबर पर उसकी पत्नी अवधेश कुमारी, पुत्र अतुल आदि लोहिया अस्पताल पंहुचे और जेल प्र्शासन पर ससमय उपचार ना करानें का आरोप लगाकर हंगामा किया| सूचना मिलने पर सीओ सिटी प्रदीप कुमार, थानाध्यक्ष कादरी गेट विनोद कुमार शुक्ला आदि लोहिया अस्पताल आ गये| मृतक बंदी के पुत्र अतुल कुमार नें आरोप लगाया कि जेल में मौत होनें के बाद ही उनके पिता को लोहिया अस्पताल औपचारिकता के लिए लाया गया| जिस पर बंदी को भर्ती करानें वाले बंदी रक्षक बाबू शंकर नें बताया कि दोपहर में उन्हें ओपीडी लाया गया था उनका सेम्पल लिया गया और जाँच आख्या सोमबार को मिलनी थी| जिसके चलते बंदी अशोक को वापस जेल लेकर चले गये| शाम को पुन: हालत खराब होनें पर उन्हें अस्पताल लाया गया| पुलिस नें इमरजेंसी में बने पर्चा काउन्टर पर पर्चा चेक कराया | जो सही पाया गया|
बाद में सेंट्रल जेल के जेलर करुणेन्द्र यादव मौके पर पंहुचे और मृतक बंदी के पुत्र अतुल से वार्ता की| परिजनों और जेल कर्मियों की नोकझोंक भी हुई| परिजनों नें शव का पोस्टमार्टम करानें से मना किया लेकिन सीओ सिटी प्रदीप कुमार नें उन्हें बताया कि जेल की नियमावली के अनुसार मरने वाले बंदी का पोस्टमार्टम होता ही है| लिहाजा पोस्ट मार्टम कराया जायेग| सेन्ट्रल जेल के कारापाल करुणेन्द्र यादव नें बताया कि चिकित्सीय परामर्श के हिसाब से बंदी का लगभग एक साल से जेल अस्पताल में उपचार चल रहा था| कोई लापरवाही इलाज में नही की गयी |