फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) सरकार नौनिहालों की बेहतर व स्वास्थ्य जीवन दिनें के लिए एक मोटा बजट खर्च करती है लेकिन उन्हें नौनिहालों के हलक के नीचे नही उतरनें दिया जाता| उसको सरकारी अभिलेखों में बाजीगरी करके माफिया भीतर ही भीतर गोलमाल करते है| ताजा मामला सीडीओ नें तब पकड़ा जब उन्होंने लोहिया अस्पताल के पोषण पुनर्वास केन्द्र एनआरसी का निरीक्षण किया| जहाँ ना भोजन गुणवत्ता पूर्ण मिला और ना ही भोजन डायट चार्ट के हिसाब से भर्ती नौनिहालों को वितरित होता पाया गया|
मुख्य विकास अधिकारी अरविन्द मिश्रा नें पोषण पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण किया| निरीक्षण के समय मुख्य चिकित्साधिक्षक(पुरूष), फर्रूखाबाद, जिला कार्यक्रम अधिकारी, डॉ0 विवेक सक्सेना रहे। निरीक्षण के समय एनआरसी पर मात्र 07 बच्चे भर्ती पाये गये। उनमें से एक बच्चे की माँ गोमती पत्नी दिनेश भोजन करती पायी गयीं, भोजन में उन्हें दाल, रोटी व सब्जी मिला था। उनसे भोजन की गुणवत्ता पूँछने पर उनके द्वारा बताया गया कि दाल में नमक की मात्रा कम है तथा दाल की गुणवत्ता ठीक नहीं है। एनआरसी पर अन्य बच्चे की माँ धनदेवी से भोजन के सम्बन्ध में पूँछने पर उनके द्वारा बताया गया कि सुबह का भोजन दोपहर 01ः00 बजे तथा रात्रि का भोजन सायं 05ः00 बजे दिया जाता है। मौके पर उपस्थित मुख्य चिकित्साधिक्षक को निर्देशित किया गया कि भोजन निर्धारित समय पर दिया जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाए की भोजन की गुणवत्ता ठीक रहे।
बच्चों की माँ से बच्चों को दिये जाने वाले भोजन की जानकारी करने पर उनके द्वारा बताया गया कि बच्चों को खिचड़ी, दलिया, खीर व दूध दिया जाता है तथा बच्चों को तीन समय भोजन दिया जाता है। जबकि डाइट रजिस्टर का अवलोकन करने पर भोजन प्रातः 08ः00 बजे, प्रातः 11ः00 बजे, दोपहर 02ः00 बजे, सायं 05ः00 बजे, रात्रि 08ः00 बजे, रात्रि 11ः00 बजे, प्रातः 02ः00 बजे एवं प्रातः 05ः00 बजे भोजन दिया जाना अंकित मिला। मुख्य चिकित्साधिक्षक, लोहिया अस्पताल डॉ. राजकुमार को निर्देशित किया गया कि निर्धारित समय पर बच्चों को निर्धारित मात्रा में भोजन उपलब्ध कराया जाए।
निरीक्षण के समय एनआरसी की कुक दिव्या सक्सेना अनुपस्थित पायी गयीं, जिसके सम्बन्ध में मुख्य चिकित्साधिक्षक को निर्देशित किया गया कि अनुपस्थित कुक का स्पष्टीकरण प्राप्त कर आवश्यक कार्यवाही करें। एनआरसी में एडमिट बच्चों के अभिभावकों को प्रत्येक दिवस 50 रूपये डीवीटी के माध्यम से दिये जाते हैं, मुख्य चिकित्साधिक्षक को निर्देशित किया गया कि यह सुनिश्चित कर लें कि अभी तक एनआरसी में एडमिट समस्त बच्चों के अभिभावकों के खाते में धनराशि पहुँच गयी है।