बेटियों से अधिक बेटों को अच्छे संस्कार देने की आवश्यकता

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) शहर के नगर की डीपीबीपी कॉलेज में श्री राम कथा की अमृत वर्षा करते हुए मानस विद्वानों ने कहा कि सनातन धर्म अनादि काल से चला आ रहा है| सनातन धर्म की परंपराएं और भारतीय संस्कृति का विश्व में अलग स्थान है| भारत में ही नहीं संपूर्ण विश्व में सनातन धर्मियों की संख्या करोड़ों में है|
श्री राम विवाह की चर्चा करते हुए रुचि रामायणी ने कहा कि रामचरित मानस में शिव विवाह एवं राम विवाह को सफल बताया एवं नारद व सूपनखा का विवाह असफल बताया बेटियों से ज्यादा बेटे को अच्छे संस्कार देने की आवश्यकता है| रुचि रामायणी ने कहा कि हमारा देश देवी देवताओं वा भारतीय संस्कृति से भरा पड़ा है श्री राम का विवाह आदर्श विवाह है जो मंगल गीत, लोकगीत ,मधुर संगीत के साथ प्रस्तुत करते हुए कहा कि अवध की लोक संस्कृति की अपनी अलग पहचान है राघव किंकर महाराज मानस आलोक ने श्री राम सीता के विवाह का सामाजिक वर्णन चित्रण किया सनातन धर्म की परंपराओं में सीताराम दूल्हा- दुल्हन दशरथ और जनक जैसे समधी मिलन और उनका स्वागत भारतीय संस्कृति का अनूठा चित्रण किया|
श्री राम विवाह भारतीय संस्कृति वैभव भारत की संपदा भारत की व्यक्तित्व शैली परंपरा का प्रतीक है बेटियों से अधिक बेटों को अच्छे संस्कार देने की आवश्यकता है | अनूप शास्त्री चित्रकूट धाम ने कहा कि राम वन गवन में भूमिका निभाने वाली कैकई को आज भी समाज में अच्छा नहीं माना जाता
उन्होंने वन गवन की लीला का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि राम का धरती पर अवतरण समाज में सनातन धर्म की स्थापना संतों की कष्ट दूर करने एवं अत्याचारियों का अंत करने के लिए हुआ था श्री राम कथा में धर्म जाति का नहीं मानवता का धर्म सिखाया जाता है भेदभाव नहीं समरसता का भाव उत्पन्न करती है डॉ. रामबाबू पाठक ने माता सुमित्रा का प्रसंग एवं राम वन गवन लीला को रेखांकित किया राजा दशरथ पुत्र मोह में अपने धर्म को भूल रहे थे मानस मंजरी ने मानस के कई प्रसंगों को कथा के माध्यम से रेखांकित किया| आचार्य अरविंद कुमार चतुर्वेदी व आचार्य सर्वेश कुमार शुक्ला ने रामचरितमानस को विश्व का सर्वश्रेष्ठ धार्मिक ग्रंथ बताते हुए मानस के महत्व पर प्रकाश डाला| राहुल कनौजिया, शकुंतला कनौजिया, मीडिया प्रभारी राजेश निराला, गगन सिंह, मुकेश सिंह, संजय गुप्ता, मनीष गुप्ता आदि रहे|