अस्ताचल सूर्य को अ‌र्घ्य देकर की संतानों के दीर्घायु की कामना

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता)छठ पूजा के तीसरे दिन अस्ताचल को जा रहे सूर्य भगवान को अ‌र्घ्य पौराणिक मान्यताओं को पूरा करते हुए पूजन किया। सुबह पहर से विधि विधान के साथ अ‌र्घ्य दिए जाने की तैयारी में व्रती परिवार के सदस्य जुटे रहे। पूजन सामग्री से लेकर अन्य सामग्री को जुटाने के लिए लोगों ने सहयोग भी किया। गंगातट में छठ पूजा की छटा देखने को मिली। छठ मैया की आराधना में लीन परिवारों के घरों में देवी गीतों ने धार्मिक उत्सव की बरबस याद दिलाई।

शहर के पांचाल घाट पर अस्ताचली सूर्य को अर्घ देंनें व्रती महिलाओं की भीड़ उमड़ी| छठ पूजा को लेकर मान्यता है कि सूर्य देव और उनकी बहन छठ मैया की पूजा की जाती है। उन्हें विधि विधान के साथ पूजन किया जाता है और मान्यता है कि छठ मैया इससे प्रसन्न होकर संतानों को दीर्घायु का आशीर्वाद देती हैं। इसके साथ परिवारिक सुख-समृद्धि और मनोवांछित कामनों की प्राप्ति कराती हैं। पूर्वांचल विकास समिति के अध्यक्ष केदार शाह नें बताया कि छठ पूजा के संयोजक डॉ.शमीम अहमद की निगरानी में व्यवस्था बेहतर की गयी थी| इस दौरान उमेश कुमार, हरेन्द्र दुबे, रामबाबू, अशितोष अवस्थी, सुनील गुप्ता, रविन्द्र नाथ राय आदि रहे|
छठ पूजन सामग्री और पूजन
छठ पूजा के लिए नए वस्त्र, बांस की दो टोकरी अथवा सूप, थाली, पत्ते लगे गन्ने, बांस या फिर पीतल के सूप, दूध, जल, गिलास, चावल, सिदूर, दीपक, धूप, लोटा, पानी वाला नारियल, अदरक का हरा पौधा, नाशपाती, शकरकंदी, हल्दी, मूली, मीठा नींबू, शरीफा, केला, कुमकुम, चंदन, पान, सुपारी, शहद, अगरबत्ती-धूपबत्ती, कपूर, मिठाई, गुड़, चावल का आटा, गेहूं आदि पूजन सामग्री के साथ ही छठ पूजन किया जाता है। तालाब अथवा नदी के जल में खड़े होकर शाम पहर अस्त हो रहे सूर्य को अ‌र्घ्य दिया जाता है।