डेस्क:आज पूरे देश में पूर्व उप-प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मनाई जा रही है।31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस अवसर पर पूरे देश में ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन किया जाता है जिसमें समाज के सभी क्षेत्रों के लोग भाग लेते हैं। राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत साल 2014 में केंद्र सरकार द्वारा की गई थी। आज लौह पुरुष के 148वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की,उन्हें याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश उनकी सेवा का सदैव ऋणी रहेगा।पीएम मोदी ने गुजरात के केवडिया में सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की और राष्ट्रीय एकता दिवस परेड भी शामिल हुए।इस परेड में बीएसएफ और विभिन्न राज्य पुलिस के मार्चिंग दल शामिल हुए और अपना शानदार प्रदर्शन दिखाया। इस मौके पर पीएम मोदी ने सीआरपीएफ की महिला कर्मियों का साहसिक करतब देखा। सभी महिला बाइकर्स को पीएम मोदी और जनता की ओर से काफी सराहना मिली।पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि अगले 25 साल भारत के लिए इस दशक के सबसे महत्वपूर्ण 25 साल हैं। इन 25 सालों में हमें अपने भारत को समृद्ध बनाना है,हमें अपने भारत को विकसित बनाना है। आजादी से पहले 25 साल का एक कालखंड था,जिसमें स्वतंत्र भारत के लिए प्रत्येक देशवासी ने अपना बलिदान दिया था। अब अगले 25 वर्ष हमारे लिए एक अवसर है और हमें हर लक्ष्य हासिल करने के लिए सरदार पटेल से प्रेरणा लेनी होगी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक तरह से आज मेरे सामने लघु भारत का रूप दिखाई दे रहा है। राज्य अलग है,भाषा अलग है,परंपरा अलग है,लेकिन यहां उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति एकजुट है। यह एक मजबूत सूत्र से जुड़ा है। 15 अगस्त को लाल किले पर कार्यक्रम, 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर परेड और नर्मदा के तट पर एकता दिवस समारोह ये तीनों राष्ट्र उत्थान की शक्तियां बन गई हैं।
आज पूरी दुनिया की नजर भारत पर है आज भारत उपलब्धियों के नए शिखर पर है। G20 समिट में भारत की क्षमता देखकर दुनिया हैरान है। हमें गर्व है कि कई वैश्विक संकटों के बीच भी हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं। हमें गर्व है कि अगले कुछ वर्षों में हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं। हमें गर्व है कि आज भारत चंद्रमा के उस हिस्से पर पहुंच गया है जहां कोई नहीं देश दुनिया में पहुंचने में सक्षम है।पीएम मोदी कने कहा कि एकता नगर आने वाले लोगों को न केवल इस भव्य प्रतिमा के दर्शन होते हैं बल्कि सरदार साहब के जीवन,बलिदान और एक भारत के निर्माण में उनके योगदान की झलक भी मिलती है। इस प्रतिमा के निर्माण की कहानी ही ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना को दर्शाती है।