फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) चंद्रग्रहण के कारण सूतक लगते ही मंदिरों के कपाट बंद हो गए। शहर के प्रमुख मंदिरों के कपाट भगवान के पूजन अर्चन के बाद बंद हो गए। श्रद्धालु मंदिर के बाहर बैठकर कीर्तन और भगवान के नाम का स्मरण कर रहे हैं।
शनिवार को लगने वाला यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा। इसलिए यहां इसका सूतक काल भी माना जाएगा। चंद्र ग्रहण का सूतक काल नौ घंटे पहले लग जाता है। सूतक काल शनिवार शाम चार बजे से लग गया है। सूतक काल के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। आचार्य सर्वेश कुमार शुक्ल के अनुसार इस चंद्रग्रहण का स्पर्श शनिवार की रात में एक बजकर 25 मिनट पर होगा। मध्य रात में एक बजकर 44 मिनट पर होगा और इसका मोक्ष रात्रि दो बजकर 24 मिनट पर होगा। देर रात ग्रहण के बाद सुबह पांच बजे के बाद ही मंदिरों में पूजा होगा।