खैंचि सरासन श्रवन लगि छाड़े सर एकतीस

FARRUKHABAD NEWS


फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) भगवान श्रीराम राम बाणों से रावण का सिर काटते हैं, लेकिन उसके सिर का समूह ऐसे बढ़ जाता जैसे प्रत्येक लाभ पर लोभ बढ़ता है। काफी परिश्रम के बाद भी रावण नहीं मरता है तो श्री रामचंद्रजी ने विभीषण की ओर देखा। विभीषण ने जब बताया कि उसकी नाभि में अमृत है तब भगवान श्रीराम ने कानों तक धनुष खींचकर एक साथ 31 तीर चलाए, जो कि कालसर्प की तरह रावण की ओर बढ़े। उसके बाद रावण का वध किया गया।
श्री मधु रामलीला मंडल की ओर से रावण वध की लीला का मंचन किया गया। श्रीराम और रावण की टोलियां युद्ध करते हुए गुरुगांव देवी मंदिर पहुंची। उसके बाद रावण के पुतले का दहन धूम-धड़ाके से किया गया। वहां संरक्षक सचिन यादव, अध्यक्ष मनमोहन मिश्रा, मंत्री मयंक सिंह, संयोजक जितेन्द्र तिवारी, मुख्य संयोजक मन्जुल मिश्रा, विक्की अग्निहोत्री, आनन्द मौर्य, मयंक तिवारी, कुंवर सिंह शाक्य आदि रहे|