फर्रुखाबाद:(राजेपुर संवाददाता) बाढ नें आम हो या खास सभी के जीवन में प्रतिकूल असर डाला| मकान या सड़क पक्की हो या कच्ची जो रामगंगा व गंगा के रास्ते में आ गये वह नक्शे से ही गायब हो गये| गांवों के अन्य समस्या तो हैं कि सबसे भयाभय समस्या टूटी सड़को की है| यदि कोई मरीज अस्पताल जाना हो तो किसी भी कीमत पर वह सड़क से वाहन पर बैठकर नही निकल सकता| लिहाजा समस्या को देखते हुए इस गाँव की एक दर्जन गर्भवती महिलाएं अपने मायके (पीहर) के घर का रुख कर गयीं|
दरअसल हम बात कर रहें है तहसील अमृतपुर के गाँव तीस राम की मढैया की| यहाँ भी गंगा नें कम नुकसान नही किया| सड़के टूटकर सैलाब में वह गयीं | बिजली के पोल टूट गये| जलभराव होनें के बाद दवा का छिडकाब भी नही कराया गया| जिससे गाँव में बुखार, खाज, खुजली, खांसी तेजी से फैल रहें है| गांव की जनसंख्या लगभग 500 है, जिसमें 125 पुरुष 115 महिलाएं हैं, वहीं ग्रामीण दिनेश, रामानंद,लव कुश, राघवेंद्र, सुरेश ने बताया कि एक महा पूर्व बिजली की शिकायत भी की थी लेकिन अभी तक बिजली व्यवस्था दुरस्त नही हुई| भारतीय किसान यूनियन टिकैत मंडल प्रवक्ता कानपुर रामबरन ने बताया कि चाचूपुर, सलेमपुर, डांडीपुर, भरेपुर, दहेलिया, खंडोली तीस राम की मड़ैया के संपर्क मार्ग टूटे हैं| तीस राम की मड़ैया के ग्रामीणों नें बताया कि गाँव की लगभग 15 गर्भवती महिलाएं सड़कें टूटी व बिजली ना होनें से अपने मायके चली गयीं हैं| अब उन्हें गाँव की सड़कें व बिजली व्यवस्था दुरस्त होनें का इंतजार है|