फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) संगीतमय श्री राम कथा के द्वितीय दिवस पर महाभारत कालीन पांडेश्वर नाथ मंदिर में भोले शंकर को समर्पित श्री वृंदावन धाम से पधारे कथा व्यास ज्ञानेश गौड़ मानस मर्मज्ञ नें ज्ञान बर्धक कथा सुनायी|
कथा व्यास नें कहा कि सतयुग में भगवान शंकर माता पार्वती को श्री राम कथा सुनाते हैं माता पार्वती उस कथा पर श्रद्धा विश्वास नहीं करती, भगवान शंकर श्री राम की कैलाश मानसरोवर पर राम कथा त्रेता युग में पृथ्वी पर श्री राम विष्णु अवतार पृथ्वी पर लोक कल्याण की लीलाओं का बखान करते हैं| माता पार्वती उसकी श्री राम कथा पर ना विश्वास करती हैं बल्कि श्री राम की परीक्षा के लिए चल देती हैं, भगवान शंकर भोले नाथ श्री राम के नाम का जाप करने लगते हैं कथा में सती पार्वती की दशा एवं दिशा का बखान करते हैं और उन्हें अपने पिता के घर राजा दक्ष के यहां भस्म होना पड़ता है|
उन्होंने त्रेता युग की कथा में समाज का चिंतन करते हुए कहा कि मनुष्य के जीवन में श्रद्धा और विश्वास अति आवश्यक है तभी वह व्यक्ति श्री राम कथा का अनुरागी राम भक्त बन सकता है ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है| कलयुग में श्रद्धा और विश्वास समाप्त होता जा रहा है, गोस्वामी तुलसीदास की मानस की व्याख्या करते हुए श्री राम कथा हमें जीवन में पग पग पर प्रेरणा देती है, कथा यजमान एवं आरती में राजेंद्र त्रिपाठी ,धीरेंद्र वर्मा ,रीना वर्मा, वैभव गौड़ ,संजीव वर्मा ने कथा व्यास का आचार्य सोनू शास्त्री ने पूजन अर्चन वंदन किया| कथा का प्रारंभ श्री राम कथा संगीत में मधुर ध्वनि पर कमल दास चित्रकूट रवि राज, अवनीश उपाध्याय, मानव गौड़ ,राजेश भारद्वाज ने कथा को संगीत के द्वारा रोचक बनाया कथा सहयोगी आशुतोष अवस्थी, संजू शर्मा, प्रभात मिश्रा ,पंकज ,सुमित तिवारी, रंजन झा, रिचा अवस्थी, रीता पांडे, बबीता पाठक, अनीता द्विवेदी ,श्वेता दुबे ,रिंकी मिश्रा, गौरी, मोनी तिवारी ,सुरेंद्र पांडे आदि रहे| कथा आरती एवं प्रसाद वितरण के साथ विराम हुई|