मुंशी प्रेम चंद्र व पुरुषोत्तम दास टंडन को जयंती पर किया याद

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था अभिव्यंजना द्वारा कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद व सादगी ,साहस और संघर्ष के साक्षी भारत रत्न राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन की जयंती पर गोष्ठी का आयोजन किया गया|
मुख्य अतिथि एसीएमओ रंजन गौतम ने कहा कि राज ऋषि पुरुषोत्तम दास टंडन व्यक्तित्व जितना सरल था उनका कर्त्तव्य उतना ही महान| हिन्दी के लिये उनके संघर्ष नमनीय है। महीयसी महादेवी वर्मा राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य दीपिका राजपूत ने आज के बच्चों को पुराने साहित्य को पढ़ने और अपने जीवन में उतारने की सीख दी| डॉ. राजकुमार सिंह ने टंडन के जीवन पर विस्तृत चर्चा की| डॉ. रजनी सरीन ने हिंदी के उत्थान के लिए सभी को आगे आने की सलाह दी | उन्होंने कहा कि पुरुषोत्तम दास टन्डन 1904 से भारतीय राजनीति में आये। टंडन जी का आजादी के संघर्ष में भी बहुत बड़ा योगदान रहा। उनकी गांधीजी के असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय सहभागिता रही। भारत सरकार ने 1961 में उन्हें भारत रत्न की उपाधि से विभूषित किया। 
कार्यक्रम के संयोजक निमिष टंडन व सहसंयोजक वैभव सोमवंशी रहे| अंत में आभार समन्वयक भूपेंद्र प्रतापसिंह ने प्रेषित किया| ज्योति स्वरूप अग्निहोत्री, संजय गर्ग, संतोष पांडेय, राम मुरारी शुक्ला, प्रीति तिवारी, आलोक राजराजा , आनंद भदौरिया, हर भान सिंह, यशवंत सिंह, अमित सक्सेना , अरविंद दीक्षित, दिलीप कश्यप, रामअवतार शर्मा इंदु, बृज किशोर सिंह किशोर, महेश पाल सिंह उपकारी, उत्कर्ष अग्निहोत्री, उदय पाल, स्वेता दुबे, दिनेश अवस्थी, शीर्ष मेहरोत्रा, भारती मिश्रा आदि रहे|