अत्याचार की सीमा बढनें पर ‘फूलन’ बनी थी दस्यु

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) मंगलवार को दिवंगत पूर्व सांसद फूलन देवी की पुण्यतिथि पर याद कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गयी। पूर्व सांसद के संघर्ष भरे जीवन पर समाज के लोगों नें प्रकाश डाला|
फतेहगढ़ के मोहल्ला हाथीखाना निवासी जितेंद्र बाथम के आवास पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन हुआ | कार्यक्रम की शुरुआत स्वर्गीय फूलन देवी की चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया। कश्यप एकता मंच के प्रदेश संयोजक जितेंद्र कुमार बाथम ने कहा कि फूलन देवी ने दलित पिछड़े वंचित समाज के लिए हथियार उठाया था उन्होंने कहा कि जनपद फर्रुखाबाद फूलन देवी की रिहाई का क्रेंद्र था| उन्होंने कहा कि 16 जुलाई 1993 को फूलन देवी की रिहाई आंदोलन में फर्रुखाबाद के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था| कहा कि वीरांगना फूलन देवी का जीवन काल अनगिनत उतार-चढ़ाव से गुजरा है। एक मासूम लड़की से दस्यु सुंदरी बनने के किस्से आज भी चंबल के बीहड़ो मे सुने और सुनाए जाते हैं। फूलन देवी का जन्म जालौन जिला के कालपी थाना अंतर्गत शेखपुरा छोटे से गांव गोरहा का पुरवा में 10 अगस्त 1963 को हुआ था। एक गरीब मल्लाह परिवार में जन्मी फूलन देवी के साथ घोर अन्याय हुआ। सामूहिक दुष्कर्म किया गया। अत्याचार की सीमा जब बढ़ गया, तो उन्होंने गिरोह बनाया और फिर दस्यु बन गई। बाद में वह जेल गई और लंबे समय तक जेल में रही। उसके बाद राजनीति में आई। सांसद निर्वाचित हुई। दुश्मनों ने 25 जुलाई 2001 को उनकी हत्या कर दी। रामकुमार कश्यप, मदनलाल, सरदार हिम्मत सिंह, ,डॉ. अतुल बाथम, रोहित बाथम, संजय कश्यप, गौतम कश्यप आदि रहे|