पति व ससुर को दहेज हत्या में सात साल की जेल

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) विशेष अदालत एससीएसटी के न्यायाधीश महेंद्र सिंह ने दहेज हत्या के मुकदमे में दोषी पति व ससुर को सात-सात साल की सजा सुनाई है। दस-दस हजार रुपये जुर्माना किया है। जुर्माना अदा न करने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतने का प्रावधान किया है।
नवाबगंज थाना क्षेत्र के गांव फतनपुर निवासी सुशील चंद्र ने पुत्री शिल्पी की शादी मऊदरवाजा थाना क्षेत्र के गांव मोहल्ला जसमई निवासी अवधेश दीक्षित के पुत्र प्रशांत उर्फ शीलू के साथ की थी। शादी के चार साल बाद ससुरालीजन अतिरिक्त दहेज में एक लाख रुपये की मांग को लेकर विवाहित को प्रताड़ित करने लगे। पीड़िता ने घटना की जानकारी अपने परिजनों को दी। परिजनों ने एक लाख रुपये देने में असमर्थता जाहिर की। इससे ससुरालीजनों ने शिल्पी का उत्पीड़न करना और बढ़ा दिया। 22 मार्च 2011 को शिल्पी ने पिता को फोन कर बताया कि आप घर चले आओ, पति व ससुर एक लाख रुपये न मिलने से नाराज होकर उसके साथ रोजाना मारपीट करते हैं। दोनों लोगों ने जान से मारने की धमकी भी दी है। यह सुनकर सुशील चंद्र ने पत्नी ऊषा को पुत्री के घर भेज दिया। उससे कहा कि पुत्री की ससुरालीजनों से कहना कि दो दिन में एक लाख रुपये का इंतजाम कर वह पहुंच जाएंगे। 24 मार्च की सुबह जानकारी मिली की शिल्पी और उसकी मां ऊषा की ससुरालीजनों ने हत्या कर दी। दोनों के शव घर में पड़े हुए हैं। सुशील चंद्र मौके पर पहुंचा तो पुत्री और पत्नी का शव पड़ा था। घटना की जानकारी पुलिस को दी। सशील चंद्र ने दामाद प्रशांत उर्फ शीलू और उसके पिता अवधेश दीक्षित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच कर दहेज हत्या में आरोप पत्र दाखिल किया। बचाव पक्ष के वकील व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता तेज सिंह राजपूत, अशोक कटियार, अनुज प्रताप सिंह ने दलीले पेश की। सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायाधी ने पिता-पुत्र को दहेज हत्या के जुर्म में सोमवार को दोषी करार दिया था। दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया था। मंगलवार को दोनों जेल से पुलिस सुरक्षा में कोर्ट में पेश किए गए। न्यायाधीश ने पति और ससुर को सजा व जुर्माने से दंडित किया।