काला फीता बांध न्यायालय कर्मियों ने किया प्रदर्शन

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) लंबित समस्याओं का समाधान न होने पर दीवानी न्यायालय कर्मचारी संघ के प्रदेश आह्वान पर जिला इकाई संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने काली पट्टी बांध कर न्यायालय परिसर में प्रदर्शन किया। उन्होंने सात अप्रैल तक काली पट्टी बांध कर न्यायालयों में काम करने का निर्णय लिया है।
प्रदेश के न्यायालय कर्मचारियों की लंबित समस्याओं का समाधान के लिए उच्च न्यायालय इलाहाबाद व प्रदेश सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया। इसको लेकर प्रदेश संघ के आह्वान पर पूरे न्यायिक कर्मचारी आंदोलन करने के लिए विवश हैं। इसी के तहत सोमवार को शाखा इकाई फर्रुखाबाद के जिलाध्यक्ष ऋषि यादव के नेतृत्व में कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध कर प्रदर्शन किया। इसके बाद न्यायालयों में काली पट्टी बांध कर काम किया। जिलाध्यक्ष ने बताया कि मृतक आश्रित प्रकरण में शैक्षणिक सेवायोजन, कर्मचारीगण के अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण, नियमावली संशोधन, संविदा कार्मिकों के वेतनवृद्धि, नियमतीकरण, तदर्थ कार्मिको को समान सेवाकाल न प्राप्त होने समेत अन्य मांगे संगठन ने उठाई थी और इनका समाधान किए जाने की मांग की थी। अभी तक प्रदेश सरकार औरउच्च न्यायालय ने उनके संगठन की मांगों पर कोई निर्णय नहीं लिया है। इस कारण आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है। जिलाध्यक्ष ने बताया कि स्टेनोग्राफर संघ व चतुर्थ श्रेणी न्यायिक कर्मचारी संघ फर्रुखाबाद ने भी उनके आंदोलन को समर्थन दिया है। अब जनपद न्यायालय के सारे संगठन एक साथ आंदोलन करेंगे। 30 अप्रैल को दीवानी न्यायालय कर्मचारी संघ का प्रयागराज में महासम्मेलन हो रहा है। इस महासम्मेलन में पारित ज्ञापन उसी दिन माननीय उच्च न्यायालय में दिया जाएगा। इसके माध्यम से कर्मचारी अपने लिए न्याय मांगेंगे। शासन की कर्मचारी विरोधी कार्यप्रणाली में सीधा हस्तक्षेप कर न्याय दिलाने का आह्वान करेंगे। जिलाध्यक्ष ने बताया कि हमारी यह बुरी स्थिति तब और बदतर हो गई, जबसे मुख्यमंत्री के पास न्याय विभाग सुरक्षित हुआ है। तबसे शासन के न्याय अनुभाग में बैठने वाले अफसर कर्मचारियों के हितों को समाप्त करने में तुले हैं। उन्होंने कहा कि प्रान्तीय संघ की ओर से मुख्य सचिव को पत्र भेजा गया है। अब आंदोलन यदि तीव्र होता है और पूरे प्रदेश में न्यायिक कार्य ठप पड़ने की स्थिति आती है, तो इसके जिम्मेदार शासन में चुप्पी साधे बैठे अधिकारी ही होंगे।