बच्चों को पढ़वाना छुटवाया, कार्यालय में काम पर लगाया

FARRUKHABAD NEWS

फर्रूखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) बेसिक शिक्षा विभाग में कुछ अनुदेशक पर साहब इतने मेहरबान हैं कि परियोजना निदेशक के आदेश को भी दरकिनार कर दिया है। स्कूल में शिक्षण कार्य करवाने की बजाए, बीएसए कार्यालय में काम कराया जा रहा है। इससे कार्यालय में कोई भी काम हो, हर किसी में उनका हस्तक्षेप बराबर रहता है। स्कूल के निरीक्षण में कोई अनुदेशक अनुपस्थित मिल जाए तो मानदेय कटौती की कार्रवाई की जाती हैं, लेकिन जिनसे कार्यालय में काम कराया जाता रहा है, उनको विद्यालय में अनुपस्थित नहीं दिखाया जाता।
परिषदीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए सरकारी कार्यालय व बीएसए कार्यालय में सबद्ध शिक्षक, अनुदेशकों का सबद्धीकरण समाप्त कर मूल विद्यालय में भेजने का राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद ने कई बार आदेश दिया। उनके आदेश के अनुपालन में सबद्धीकरण समाप्त होने की रिपोर्ट जिले से भेज दी गई। इसके बावजूद कुछ अनुदेशक पर साहब मेहरबान हैं, वह बिना सबद्धीकरण किए बीएसए कार्यालय में अनुदेशकों को लगाए हैं। इससे उसने विद्यालय में जाकर शिक्षण कार्य कराना बंद कर दिया। यह सिलसिला आज का नहीं, करीब दो से तीन साल से चल रहा है। एक-दो बार मामला उठने पर अनुदेशक विद्यालय में जाकर हाजिरी लगाने लगे। उपस्थित लगाने के बाद वह सीधे बीएसए कार्यालय पहुंच जाते बाबूगीरी में लग जाते। यहां तक की डीएम, सीडीओ व एडीएम के कार्यालय में भी अफसरों के साथ फाइल लेकर जाते हैं। उनका हर कार्य में हस्तक्षेप रहता है। जबकि सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय में आउटसोर्स से कर्मचारियों की तैनाती होने से वहां कर्मचारियों की कोई कमी नहीं रही है। इसे बावजूद अनुदेशक का लगाकर काम करया जा रहा है। बीएसए लालजी यादव ने बताया कि ऐसा नहीं हैं। स्कूल चलो अभियान कार्यक्रम में शिक्षक व अन्य लोगों को बुलाया गया था। उसी में आए होंगे।