हड़ताल पर गये विद्युत कर्मी, बिजली संकट के आसार

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) निजीकरण का विरोध कर रहे विद्युत कर्मी फिलहाल 72 घंटे की हड़ताल पर चले गये| विद्युत कर्मियों के हड़ताल पर जानें से बिजली संकट के आसार भी बढ़ गये हैं | जिसका असर आमजनमानस पर पड़ेगा|
दरअसल निजीकरण के विरोध और विभागीय कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रांतीय पदाधिकारियों की कुछ माह पूर्व ऊर्जामंत्री व अफसरों के साथ वार्ता हुई थी। इसमें कुछ बिंदुओं पर समझौता होने पर ऊर्जामंत्री ने उनको लागू करने का आश्वासन दिया था। उस समझौते को प्रदेश सरकार लागू नहीं कर रही है। इसको लेकर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया। एसडीओ, जेई, टीजीटू, कर्मचारी व आउटसोर्स कर्मचारियों ने बुधवार से कार्य बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन शुरू किया। इससे विभागीय सभी काम ठप होने से उपभोक्ताओं को दिक्कत उठानी पड़ी और विभाग को राजस्व का नुकसान झेलना पड़ा। दूसरे दिन गुरुवार को भी कार्य बहिष्कार होने के कारण सभी एसडीओ, जेई व कर्मचारियों ने कार्यालयों में ताला डाल कर भोलेपुर डिवीजन कार्यालय में धरना प्रदर्शन कर ऊर्जामंत्री के खिलाफ नारेबाजी की। कैश काउंटर बंद होने से बिल जमा होने, गलत बिल संशोधित होने, नए कनेक्शन पर मीटर लगने समेत अन्य सभी काम ठप रहे। जो उपभोक्ता खड़, उपखंड व उपकेंद्र पर जिस कार्य से गए, वह काम न होने से उनको निराश होकर लौटना पड़ा। दिन भर सभी लोग धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। संगठन के जिला संयोजक एसडीओ शरद प्रताप ने बताया कि गुरुवार दोपहर में प्रांतीय पदाधिकारियों की ऊर्जामंत्री व विभागीय अफसरों के साथ समझौते को लागू करने को लेकर वार्ता हुई थी, लेकिन वार्ता विफल हो गई। इस कारण सभी एसडीओ, जेई, टीजीटू, कर्मचारी, आउटसोर्स कर्मचारी 72 घंटे की हड़ताल पर चले गए हैं। इस हड़ताल में उपकेंद्रों को चलाने वाले आउटसोर्स से लगे एसएसओ, उनके सहायक भी शामिल होंगे। प्रशासन अपने स्तर से उपकेंद्रों का संचालन कराए। एसएसओ के हड़ताल में शामिल होने की जानकारी विभागीय व प्रशासनिक अफसरों के हाथपांव फूल गए हैं। किस प्रकार उपकेंद्रों का संचालन, फाल्ट आने पर उनको ठीक करने का काम होगा। जिस क्षेत्र में फाल्ट आएगा, वहां की बिजली 72 घंटे तक ठप रहेगी। किस प्रकार विद्युत लाइनों का मेंटीनेंस रखा जाएगा और उपकेंद्रों का संचालन होगा, इसको लेकर अफसर देर रात तक आपस में विचार विमर्श करते रहे।