फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) गलन भरी सर्दी और घने कोहरे से सोमवार को भी सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। सुबह घना कोहरा छाया रहा और गलन भरी सर्दी से लोग ठिठुरते रहे। बिना आग के खुले में रहने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। लोग घरों में घुस दुबके रहे और सड़कों पर सन्नाटा पसर गया।
पिछले कई दिनों से शीतलहर तेवर दिखा रही है। सोमवा की सुबह भी घना कोहरा छाया रहा। स्थिति ऐसी रही कि सुबह कोहरे की वजह से वाहन रेंग-रेंग कर चले। इससे आवागमन भी प्रभावित हुआ और सड़कों पर वाहनों का परिचालन भी काफी कम दिखाई दिया। सड़कों पर जानवर भी अलाव के सहारे शरीर को सेकते नजर आए।
ठंड से कांप रहे बेजुबान
सर्दी का सितम लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आम लोगों के साथ-साथ सर्दी का असर बेजुबान जानवरों पर भी देखा जा रहा है। इंसान तो किसी तरह गर्म कपड़े अलाव आदि के सहारे अपने को ठंड से बचा पा रहे हैं पर सबसे बुरा हाल तो बेजुबान जानवरों का है। अधिकतर किसानों के जानवर छप्पर या पेड़ की छाया के तले ही बंधे रहते हैं। दिन के समय धूप से उसे थोड़ी राहत मिलती है पर रात में पशुओं के साथ किसान भी परेशान हो रहे हैं। यूं तो ठंड का मौसम पशुओं के लिए हेल्दी सीजन माना जाता है पर इस मौसम में पशुओं की देखभाल बहुत सावधानी और उचित तरीके से करनी चाहिए। पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अनुज दुबे ने बताया कि ठंड के मौसम में पशु पालन करते समय पशुओं के आवास प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। पशुशाला के दरवाजे व खिड़कियां पर बोरे लगाकर सुरक्षित करें। जहां पशु विश्राम करते हैं वहां पुआल, भूसा, पेड़ों की पत्तियां बिछाया जाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि ठंड के मौसम में पशुओं की कभी ठंडा चारा व दाना नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे पशुओं को ठंड लग जाती है। पशुओं को अधिक मात्रा में सरसों की खल्ली व हरा चारा खिलाएं।