प्रमुख सचिव स्वास्थ्य की रिपोर्ट पर चिकित्सक बर्खास्त

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फर्रुखाबाद: मुख्या मंत्री के दौरे के बाद हुए प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के निरीक्षण के दौरान मिली अनियमितताओं और बाद में जिलाधिकारी द्वारा की गयी जांच में एक निजी अस्पताल में प्राइवेट प्रक्टिस करने की पुष्टि के क्रम में राज्यपाल ने बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. ब्रिजेन्द्र चौधरी को बर्खास्त कर दिया है।

प्राइवेट प्रैक्टिस की भी पुष्टि हुई थी

विदित है कि विगत दिनों चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रमुख सचिव नीता चौधरी और अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. एसपी सिंह को लोहिया अस्पताल निरीक्षण में डा. चौधरी की कार्य प्रणाली के विषय में जानकारी मिली थी| उन्होंने इस पर नाराजगी भी जाहिर की थी। प्रमुख सचिव की रिपोर्ट में डॉ. चौधरी को पदमुक्त करने की संस्तुति की गयी थी। इसके बाद अपर निदेशक डॉ. एसपी सिंह ने यहां आकर डॉ. चौधरी के बयान लिये थे। इसके अतिरिक्त तत्कालीन जिलाधिकारी मिनिस्ती एस से भी प्राइवेट प्रैक्टिस करनेवाले डॉक्टरों के बारे में जांच करायी गयी थी।

डॉ. चौधरी की तैनाती लोहिया अस्पताल में बालरोग विशेषज्ञ के रूप में थी। स्थानीय अभिसूचना इकाई की रिपोर्ट के में उनका एक निजी नुर्सिंग होम में प्राइवेट प्रैक्टिस करना पाया गया था। मज़े की बात है कि डॉ. चौधरी की अभी परिवीक्षा अवधि भी पूर्ण नहीं हुई है। मुख्या चिकित्साधिकारी डॉ. पीके पोरवाल ने बताया कि शासकीय कार्यो में रुचि न लेने तथा प्राइवेट प्रैक्टिस करने के आरोप में राज्यपाल ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य नियमावली नियम 18 (3) के प्रावधानों के अंतर्गत डॉ. चौधरी की सेवाएं समाप्त कर दी हैं।

आधा दर्जन डाक्टरों के निजी प्रैक्टिस करने की रिपोर्ट

फर्रुखाबाद: तत्काली जिलाधिकारी मिनिस्ती एस के निर्देश पर एलआईयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) ने प्राइवेट प्रैक्टिस करनेवाले आधा दर्जन डॉक्टरों के विषय में रिपोर्ट दी थी। प्राइवेट प्रैक्टिस करनेवाले सरकारी डॉक्टरों की सूची में डॉ. वीके चौधरी के अलावा 5 और डॉक्टरों के नाम भी शामिल हैं, जो अभी कार्रवाई की परिधि से बहार खड़े व्यवस्था को मुंह चिढा रहे हैं।

विदित है कि स्थानीय अभिसूचना इकाई ने प्राइवेट प्रैक्टिस करनेवाले 6 डॉक्टरों की सूची तत्काली जिलाधिकारी मिनिस्ती एस को सौंपी थी। इस रिपोर्ट में फिजीशियन डॉ. एचपी श्रीवास्तव के बारे में लिखा है कि उन्होंने लोहिया अस्पताल के सामने अपने पिता (डॉ. एचपी श्रीवास्तव) के नाम से क्लीनिक खोल रखा है। डॉ. एसके अग्रवाल के बारे में लिखा है कि वह निजी अस्पतालों में जाकर आपरेशन करते हैं। डॉ. वीवी पुष्कर के बारे में लिखा है कि वह कई अस्पतालों में जाकर एनेस्थीसिया देते हैं। डॉ. रतमेले के बारे में बताया गया है कि वह भी आवास विकास के अस्पताल क्षेत्र में प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। पखना में तैनात डॉ. उत्तम सिंह के बारे में लिखा गया है कि वह अपने गृह जनपद मैनपुरी में रहकर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। वह महीने में एक या दो बार ही अस्पताल आते हैं। इस सूची में केवल डॉ. ब्रिजेन्द्र चौधरी की सेवाएं समाप्त करने के ही आदेश हुए हैं।