खाकी की पिटाई से दलित की मौत! ढाई महीने बाद चार पुलिस कर्मीयों पर एफआईआर

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(मोहम्मदाबाद संवाददाता ) खाकी की पिटाई से युवक की मौत का आरोप है| मृतक की पत्नी द्वारा तहरीर दी गयी| लेकिन पुलिस अपने साथियों को बचानें में जुटी रही| ढाई महीनें बाद अधिकारियों नें अपनी गर्दन फंसते देख दो कांस्टेबल व दो होमगार्ड कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी है|
कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मौधा नहरैया निवासी अर्चना देवी जाटव नें मुकदमा दर्ज कराया | जिसमे कहा की बीते 6 मई 2022 शाम को उसके पति सत्यभान सिंह के साथ ही उसका पुत्र गुलशन, जेठ राजेश व उनका पुत्र अमन एक ही बाइक से नगला बाग भूड नगरिया से एक विवाह समारोह में शामिल होकर लौट रहे थे | रात लगभग 1 बजे से 2:30 बजे के बीच मंडी चौराहा पर पंहुचे तो वहां पर कोतवाली के होमगार्ड सर्वेश कुमार व अरविन्द के साथ ही चीता मोबाइल में लगे सिपाही नरेंद्र कुमार व सर्वेश कुमार ने सत्यभान को रोंक लिया| महिला नें आरोप लगाया कि चारों पुलिस कर्मियों नें उन्हें बसूली के लिये रोंक लिया| पास आते ही पुलिस कर्मी सत्यभान के साथ मारपीट करनें लगे| चारों की पुलिस कर्मियों नें तलाशी ली और उनके पास रखे 1600 रूपये रख लिये| चलते समय सत्यभान नें कहा की वह पुलिस कर्मियों की शिकायत अधिकारियों से करेगा| इसके बाद चीता मोबाइल के सिपाहियों नें पीछा करके उन्हें रोंकनें का प्रयास किया| जब सत्यभान नही रुका तो पुलिस कर्मियों नें बाइक में लात मार दी| जिससे सत्यभान अन्य तीनो बाइक सबारों के साथ भट्टे के आगे लगभग 100 मीटर दूर गिर गये| दोनों पुलिस कर्मियों नें हाथ में लिये लाठी-डंडे से जान से मारनें की नियत से चारों को पिटनें लगे| जिससे चारों गंभीर रूप से घायल हो गये| सत्यभान की गर्दन गहरी कट गयी| चारों को मरा समझकर आरोपी भाग गये| पुत्र गुलशन नें फोन पर सूचना घर पर दी| जिसके बाद अर्चना देवी परिजनों के साथ मौके पर आ गयी और एम्बुलेसं से चारों को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया| जिसमे घायल राजेश का पैर टूटा निकला व जबकि सत्यभान की गर्दन कटी मिली और जबड़ा भी टूटा मिला| 7 मई को हालत गंभीर होनें से सत्यभान को सैफई मेडिकल कालेज रिफर कर दिया गया| इलाज के दौरान सत्यभान की बीते 19 मई को मौत हो गयी|
ढाई महीने तक पुलिस दबाये रही तहरीर
मृतक सत्यभान की पत्नी अर्चना देवी जाटव नें बताया कि वह पति की मौत होनें के बाद पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करानें कोतवाली गयी लेकिन उसकी एफआईआर दर्ज नही हुई| इसके बाद जिले के आलाधिकारियों को भी कई प्रार्थना पत्र दिये लेकिन कोई कार्यवाही नही की गयी| पुलिस लगातार दुर्घटना में मौत होनें का मुकदमा दर्ज करानें का दबाब बनाती रही| बीती रात ढाई माह बाद पुलिस नें 323, 392, 504, 506, 325, 304, एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है|
सीओ मोहम्मदाबाद राजवीर सिंह नें बताया कि महिला नें आलाधिकारियों को इससे पूर्व में अवगत ही नही कराया| जब अधिकारियों के सामने मामला आया तो एफआईआर दर्ज की गयी| मुकदमें की विवेचना निष्पक्ष होगी|